लंबे इंतजार के बाद 18 जनवरी को आसन पर विराजेंगे रामलला, आज से अनुष्ठान प्रारंभ

भागवत, मोदी, योगी और महंत नृत्यगोपाल दास शामिल होंगे

हिमा अग्रवाल
मंगलवार, 16 जनवरी 2024 (18:26 IST)
  • 22 जनवरी को रामलला भव्य राम मंदिर में विराजित होंगे
  • रामजी की मूर्ति का 11 तरह से कर अधिवास
  • आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित कराएंगे धार्मिक अनुष्ठान
Ramlala will sit on the throne on January 18 : श्रीराम जन्मभूमि (Shri Ram Janmabhoomi) मंदिर पर रामलला (Ramlala) की प्राण-प्रतिष्ठा (Pran Prathishtha) का पूजन आज (मंगलवार) से शुरू हो गया, जो 21 जनवरी तक चलता रहेगा। 16 जनवरी से आरंभ होने वाले प्रायश्चित एवं कर्मकुटी पूजन के साथ धार्मिक अनुष्ठानों का दौर प्रारंभ हुआ। 17 जनवरी में रामलला की अचल प्रतिमा राम जन्मभूमि परिसर में प्रवेश करेगी और 18 जनवरी को गर्भगृह में निर्धारित आसन पर स्थापित की जाएगी। इस दौरान मूर्तिकार योगीराज की बनाई प्रभु श्रीराम की प्रतिमा का भ्रमण कार्यक्रम जन्मभूमि परिसर में ही होगा।

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रामजी की मूर्ति का 11 तरह से कर अधिवास : प्राण-प्रतिष्ठा के लिए भगवान रामजी की मूर्ति का 11 तरह से कर अधिवास होगा। 18 जनवरी की संध्या में तीर्थपूजन एवं जलयात्रा, जलाधिवास एवं गंधाधिवास अनुष्ठान रखा गया है। 19 जनवरी की सुबह औषधाधिवास, केसराधिवास, घृताधिवास और सायंकाल में धान्याधिवास कार्यक्रम होंगे। 20 जनवरी की सुबह शर्कराधिवास, फलाधिवास एवं सांध्यकाल में पुष्पाधिवास अनुष्ठान होगा।

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22 जनवरी को रामलला भव्य राम मंदिर में विराजित होंगे : 21 जनवरी प्रात: बेला में मध्याधिवास, सायंकाल शव्याधिवास अनुष्ठान होने जा रहे हैं। 22 जनवरी वह विशेष दिन है जिसमें रामलला भव्य राम मंदिर में विराजित होंगे। इस दिन का लंबे समय से देश में रामभक्तों को इंतजार था। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में 12.20 बजे प्राण-प्रतिष्ठा अनुष्ठान होगा, जो 40 मिनट तक चलेगा।

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भागवत, मोदी, योगी और महंत नृत्यगोपाल दास का संदेश होगा : प्राण-प्रतिष्ठा धार्मिक अनुष्ठान के बाद 70 मिनट का समय यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत के संदेश के लिए निर्धारित किया गया है। इस अद्वितीय पल के लिए प्रयासरत श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास भी अपने उद्गार प्रकट करेंगे। प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए 8,000 कुर्सियों की व्यवस्था की गई है।
 
आमंत्रित अतिथियों को 22 जनवरी में 10.30 प्रात: तक रामजन्मभूमि पर प्रवेश करना होगा। इस अलौकिक पल को यादगार बनाने के लिए देश के विभिन्न राज्यों से आए 25 दुर्लभ वाद्य यंत्रों द्वारा मंगलाचार ध्वनियां रामलला प्राण-प्रतिष्ठा को चार चांद लगा देंगी। हालांकि 20 जनवरी से रामलला के दर्शन आम भक्तगणों के लिए बंद कर दिए जाएंगे। आमजन अपने आराध्य श्रीराम के दर्शन 23 जनवरी से ही कर सकेंगे।

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काशी से प्राण-प्रतिष्ठा कराने के लिए मुख्य आचार्य अयोध्या रवाना : विश्वविख्यात काशी नगरी से रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा कराने के लिए मुख्य आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित रामजन्मभूमि अयोध्या कूच कर गए हैं। बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी के रहने वाले आचार्य दीक्षित के नेतृत्व में रामलला प्राण-प्रतिष्ठा धार्मिक अनुष्ठान होने जा रहा है। इस अनुष्ठान के अंतर्गत वाराणसी से 125 विद्वान शामिल हो रहे हैं।

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शेष दिनों का जिम्मा पुरोहित लक्ष्मीकांत दीक्षित के ऊपर : 22 जनवरी को रामलला प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के समय मुख्य यजमान की भूमिका में देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शामिल होंगे। लेकिन कई दिनों तक चलने वाले धार्मिक अनुष्ठानों में प्रधानमंत्री मोदी नहीं शामिल हो सकते हैं इसलिए शेष दिनों का जिम्मा पुरोहित लक्ष्मीकांत दीक्षित के ऊपर है। काशी नगरी से अयोध्या रवाना होते समय अर्चक लक्ष्मीकांत का राम अनुयायियों द्वारा माल्यार्पण, ढोल-मंजीरों भजनों के साथ शंखनाद करते हुए उनका स्वागत किया गया।

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अर्चक लक्ष्मीकांत ने मीडिया से रूबरू होकर बताया कि किस तरह से प्राण-प्रतिष्ठा की जाती है और किस तरह से वेद मंत्रोच्चारण के साथ 22 जनवरी की सुबह रामलला को जगाया जाएगा। आचार्य लक्ष्मीकांतजी बुधवार शाम को धार्मिक अनुष्ठानों में सम्मिलित होंगे और 22 जनवरी को वैदिक मंत्रोच्‍चार के साथ रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा कराएंगे।
 
Edited by: Ravindra Gupta

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