विश्वविख्यात काशी नगरी से रामलाल की प्राण प्रतिष्ठा कराने के लिए मुख्य आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित राम जन्मभूमि अयोध्या कूच कर गए है।
बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी के रहने वाले आचार्य लक्ष्मीकांत दीक्षित के नेतृत्व में रामलला प्राण प्रतिष्ठा धार्मिक अनुष्ठान होने जा रहा है। इस अनुष्ठान के अंतर्गत वाराणसी से 125 विद्वान शामिल हो रहे है।
22 जनवरी को रामलला प्राण प्रतिष्ठा समारोह के समय मुख्य यजमान की भूमिका में देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शामिल होंगे। लेकिन कई दिनों तक चलने वाले धार्मिक अनुष्ठानों में प्रधानमंत्री मोदी नहीं शामिल हो सकते हैं, इसलिए शेष दिनों का जिम्मा पुरोहित लक्ष्मीकांत दीक्षित के ऊपर है।
काशी नगरी से अयोध्या रवाना होते समय अर्चक लक्ष्मीकांत का राम अनुयायियों द्वारा माल्यार्पण, ढोल-मंजीरों भजनों के साथ शंखनाद करते हुए उनका स्वागत किया गया। अर्चक लक्ष्मी कांत ने मीडिया से रूबरू होकर बताया कि किस तरह से प्राण प्रतिष्ठा की जाती है। किस तरह से वेद मंत्रोच्चारण के साथ 22 जनवरी की सुबह रामलला को जगाया जायेगा। आचार्य लक्ष्मीकांत बुधवार शाम को धार्मिक अनुष्ठानों में सम्मिलित होंगे और 22 जनवरी को वैदिक मंत्रोच्चार के साथ रामलला की प्राण प्रतिष्ठा कराएंगे।