नई दिल्ली। अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण को लेकर तैयारियां जोरों पर चल रही हैं। 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मंदिर निर्माण के लिए भूमिपूजन करेंगे। इस बीच खबर आई थी कि मंदिर की नींव में टाइम कैप्सूल डाला जाएगा जिससे कि मंदिर के इतिहास का पता चल सके। यह खबर मीडिया और सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही थी। ट्रस्ट ने इसे भ्रामक बताया है। इधर कांग्रेस के वरिष्ठ कर्ण सिंह ने श्रीराम के साथ ही सीताजी की मूर्ति भी स्थापित करने की मांग की।
रविवार को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने मीडिया से कहा था कि टाइम कैप्सूल रखा जाएगा, जबकि महामंत्री चंपत राय ने इस खबर को भ्रामक बताया है। राम मंदिर निर्माण ट्रस्ट के प्रमुख चम्पत राय ने मीडिया को जारी वीडियो में कहा कि ये खबर पूरी तरह से अफवाह है। राम मंदिर के नीचे ऐसा कोई टाइम कैप्सूल नहीं रखा जाएगा। राय ने कहा कि इस तरह की खबरों और अफवाहों से बचना चाहिए। ये सब मनगढ़ंत बातें हैं। सिर्फ आधिकारिक बयानों पर ही यकीन किया जाना चाहिए। ट्रस्ट ने ऐसा कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है और न ही जारी किया है।
सीताजी की मूर्ति स्थापित की जाए : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और प्रसिद्ध विद्वान कर्णसिंह ने कहा है कि सीताजी के बिना भगवान श्रीराम की पूजा अधूरी रह जाती है इसलिए अयोध्या में श्रीराम के साथ ही सीताजी की मूर्ति भी स्थापित की जानी चाहिए।
सिंह ने मंगलवार को एक बयान जारी कर कहा कि 5 अगस्त को अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण के लिए शिलान्यास होने वाला है, इसलिए उन्होंने कुछ सुझाव दिए हैं। उन्होंने कहा कि मंदिर में प्रमुख मूर्तियां श्रीराम और सीताजी की होनी चाहिए। अकेले श्रीराम की पूजा अधूरी रह जाती है और अयोध्या में सीताजी के साथ जितना अन्याय हुआ है क्या फिर से उनको वनवास दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि इस मंदिर में एक सुंदर और भव्य शिवलिंग की स्थापना की जानी चाहिए। यह सर्वविदित है कि श्रीराम ने लंका पर चढ़ाई से पहले और विजय प्राप्त करने के पश्चात शिवजी की पूजा की थी। रामेश्वरम में स्थित भव्य शिवजी का मंदिर इस सत्य का स्थायी प्रमाण है।
सिंह ने कहा कि मैं रघुवंशी हूं और श्रीराम मेरे कुलदेवता हैं और मेरे पूर्वजों ने जम्मू में भव्य श्री रघुनाथ मंदिर बना रखा है। जहां तक भक्ति का सवाल है, तो मैं उन्हीं की भक्ति करता हूं जिनकी श्रीराम ने स्वयं पूजा की थी। (एजेंसियां)