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राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा के बाद देशभर में अयोध्या वाली दीवाली, दीपोत्सव के साथ आतिशबाजी, भंडारों और भजनों के आयोजन

हमें फॉलो करें राम मंदिर में प्राण-प्रतिष्ठा के बाद देशभर में अयोध्या वाली दीवाली, दीपोत्सव के साथ आतिशबाजी, भंडारों और भजनों के आयोजन

वेबदुनिया न्यूज डेस्क

, सोमवार, 22 जनवरी 2024 (22:12 IST)
Devotees Celebrate Diwali on Pran Pratishtha : उत्तरप्रदेश के अयोध्या में श्री रामलला के नवीन विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर पूरे देश में धार्मिक उत्सव और उल्लास का माहौल देखने को मिला। इस दौरान देश के विभिन्न मंदिरों में श्रद्धालु भगवान राम को समर्पित गीत और विशेष भजन गाते सुने गये और विशेष प्रार्थनाओं का भी आयोजन किया गया। इसके अलावा लोग विभिन्नि स्थानों पर भंडारा और रंगोली जैसे आयोजनों में भी शामिल हुए। दीपोत्सव के साथ आतिशबाजी भी की गई। 
 
मुहूर्त डिलीवरी : संयोग से इस ऐतिहासिक पल के दौरान मध्य प्रदेश में इंदौर के एक अस्पताल में ऑपरेशन के जरिए तीन बच्चों का जन्म हुआ, महाराष्ट्र के ठाणे शहर में 42 वर्षीय एक महिला की ‘मुहूर्त डिलीवरी’ हुई, जबकि उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में एक मुस्लिम महिला ने बच्चे को जन्म दिया। मुस्लिम महिला ने अपने बच्चे का नाम हिंदू-मुस्लिम एकता को दर्शाने के लिए ‘राम रहीम’ रखा है।
 
कई राज्यों ने विद्यालयों में छुट्टी की घोषणा की थी, जबकि सरकारी कार्यालय और अन्य प्रतिष्ठान तथा सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक आधे दिन के लिए बंद रहे। कुछ राज्यों ने सोमवार को ‘ड्राई डे’ घोषित किया और मांसाहारी खाद्य पदार्थ बेचने वाले दुकानदारों से शाम तक दुकानें बंद रखने के लिए कहा।
 
सुबह से ही फूलों, दीयों, झंडों और पोस्टरों से सजे मंदिरों में लोगों का तांता लगा रहा। शाम को घरों, दुकानों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों के बाहर दीये जलाए जाने से दीवाली जैसा माहौल था।
 
केरल में विशेष पूजा-अर्चना : केरल के त्रिशूर जिले में त्रिप्रयार श्री रामास्वामी मंदिर में सुबह से ही अनुष्ठान शुरू हो गए थे। करुवन्नूर या थेवरा नदी के तट पर स्थित यह मंदिर भगवान राम को समर्पित है। यह मंदिर नालम्बलम यात्रा के लिए प्रसिद्ध है।
 
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने राज्य की राजधानी के वजुथाकौड में स्थित रामादेवी मंदिर में पूजा-अर्चना की। बेंगलुरु में रामंजनेय गुड्डा मंदिर, पट्टाभिराम स्वामी मंदिर, राजाजीनगर में राम मंदिर और मल्लेश्वरम में रामदेवरा देवस्थान और बसवनगुडी स्थित राम मंदिर में विशेष प्रार्थनाएं आयोजित की गईं।
 
जम्मू-कश्मीर में प्रार्थनाएं : जम्मू-कश्मीर के कई मंदिरों में भी प्रार्थनाएं की गईं, जिनमें श्रीनगर में शंकराचार्य मंदिर और शहर के अमीराकदल इलाके में झेलम नदी के तट पर स्थित हनुमान मंदिर शामिल हैं। हजारों लोगों ने जम्मू स्थित रघुनाथ मंदिर में दर्शन किये। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल भी इस उत्सव में शामिल हुए। उन्होंने कहा, ‘‘यह हम सभी के लिए एक बड़ा दिन है। हर देशवासी और महिला उत्सव के मूड में है।’’
 
51000 से अधिक मंदिर पूजा : झारखंड के 51,000 से अधिक मंदिरों में विशेष प्रार्थनाओं के आयोजन से राज्य में लोग धार्मिक उत्साह के रंग में सराबोर थे। केंद्रीय जनजातीय मामलों और कृषि मंत्री अर्जुन मुंडा ने जमशेदपुर के गोलमुरी में केबल टाउन स्थित श्री लक्ष्मी नारायण मंदिर के परिसर में 18,500 वर्ग फुट में विस्तृत भगवान राम को समर्पित एक विशाल रंगोली का उद्घाटन किया।
 
राममय हुआ बिहार : पड़ोसी राज्य बिहार में महिला भक्तों ने सुबह से ही पटना के बेली रोड पर प्रियदर्शी नगर के हनुमान मंदिर में ‘कीर्तन’ शुरू कर दिया, जबकि श्री कृष्ण प्रणामी मंदिर से एक शोभायात्रा निकाली गई जिसमें लोग सिर पर 'कलश' और रामायण लेकर चल रहे थे। पटना के डाक बंगला चौक के पास श्री रामनवमी शोभायात्रा अभिनंदन समिति की ओर से अयोध्या मंदिर की प्रतिकृति प्रदर्शित की गई।
 
पश्चिम बंगाल में शोभायात्रा : पश्चिम बंगाल में कोलकाता में गणेश टॉकीज के पास स्थित बैकुंठ नाथ मंदिर से एक भव्य शोभायात्रा निकाली गई जिसमें शामिल झांकी में भगवान राम को देवी दुर्गा की पूजा करते हुए चित्रित किया गया। इस यात्रा का समापन चितरंजन एवेन्यू में स्थित 80 साल से अधिक पुराने राम मंदिर पर हुआ। अरुणाचल प्रदेश भी धार्मिक उत्साह में सराबोर दिखा। राजधानी ईटानगर में बाजार स्वेच्छा से बंद रहे और बड़ी संख्या में निजी स्कूलों ने भी छुट्टी की घोषणा की। विभिन्न स्थानों पर एलईडी स्क्रीन लगाई गईं और अयोध्या में समारोह का सीधा प्रसारण किया गया।
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ओरछा में अयोध्या सा माहौल : मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने निवाड़ी जिले के ओरछा, जिसे छोटी अयोध्या भी कहा जाता है, में मंदिर में पूजा-अर्चना की। भक्तों का मानना ​​है कि भगवान राम दिन में ओरछा में रहते हैं और रात में पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में अयोध्या चले जाते हैं।
 
पूरे राजस्थान में कई स्थानों पर मंदिरों में भजन, कीर्तन और रामायण पाठ के साथ धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किए गए। जयपुर सहित विभिन्न स्थानों पर शोभा यात्रा निकाली गई।
 
बीएसएफ के जवानों ने किया पाठ : राज्य के जैसलमेर जिले में भारत-पाकिस्तान सीमा पर स्थित तनोट माता मंदिर में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों ने रामायण का पाठ किया। हिमाचल प्रदेश के शिमला में भगवान राम को समर्पित एक मंदिर में ‘अखंड रामायण' पाठ का आयोजन किया गया।
 
रामभक्ति में रमा आंध्रप्रदेश : पूरे आंध्र प्रदेश में लोगों ने सोमवार को धार्मिक उत्साह के साथ प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में जश्न मनाया। इस दौरान लोगों ने अपने घरों पर भगवा ध्वज फहराया, रैलियां निकालीं और सामूहिक भोज तथा अन्य गतिविधियों का आयोजन किया। गुंटूर जिले के पेनुमाका गांव में कई ग्रामीणों ने सामूहिक भोज में भाग लिया। उत्तरप्रदेश में राम मंदिर निर्माण के सम्मान में तिरुमाला के धर्मगिरि वेद विज्ञान पीठम में 'वाल्मीकि रामायण' के पाठ का आयोजन किया गया।
 
राजमहेंद्रवरम शहर में रामालय जंक्शन के माध्यम से एक शोभायात्रा निकाली गई, जिसमें भगवान राम, सीता, हनुमान और अन्य की मूर्तियों के साथ एक पालकी शामिल थी। वाईएसआरसीपी नेता और राजमहेंद्रवरम के लोकसभा सदस्य एम भरत राम ने भी उत्सव में भाग लिया।
 
तेलंगाना में उत्सव : तेलंगाना में भी उत्सव का माहौल था। राज्य की राज्यपाल तमिलिसाई सौंदरराजन ने राजभवन में भगवान राम की पूजा की और श्रीराम नाम संकीर्तनम में भाग लिया। उन्होंने भगवान राम से देश की सुख-समृद्धि की प्रार्थना की। सौंदराराजन ने केंद्रीय पर्यटन मंत्री और भाजपा नेता जी किशन रेड्डी के साथ निजाम कॉलेज मैदान में आयोजित समारोह में हिस्सा लिया जहां प्राण प्रतिष्ठा समारोह का प्रसारण बड़ी स्क्रीन पर प्रदर्शित किया गया।
 
'रंगोली' तथा मालाओं से सजा गुजरात : गुजरात में भी श्रद्धालु जश्न मनाते दिखे और बड़ी संख्या में लोग पूजा-अर्चना करने के लिए मंदिरों में एकत्र हुए। राज्य भर में जगह-जगह शोभायात्रा निकाली गई।ळ अहमदाबाद, पाटन, नवसारी, मेहसाणा, दाहोद, गांधीनगर, भावनगर, भरूच गिर सोमनाथ, वड़ोदरा और कच्छ जिलों के विभिन्न कस्बों तथा शहरों में शोभायात्रा निकाली गईं।
 
कई भक्तों ने भगवान राम के स्वागत के लिए अपने घर और कार्यालय के प्रवेश द्वारों को सुंदर 'रंगोली' तथा मालाओं से सजाया और 'दीये' जलाए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पटेल ने सभी गुजरातवासियों की ओर से देश को भव्य राम मंदिर का तोहफा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद दिया।
 
जेएनयू में सुंदरकांड : प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) और दिल्ली विश्वविद्यालय में छात्रों के समूहों ने सोमवार को 'हवन', 'भंडारे' और सुंदरकांड पाठ का आयोजन किया। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में ‘जय श्रीराम’ का नारा लगाते हुए सैकड़ों छात्रों ने 'शोभायात्रा' में भाग लिया। विश्वविद्यालय के छात्रावासों में भी हवन और भंडारे का आयोजन किया गया।
 
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के राष्ट्रीय मीडिया संयोजक आशुतोष सिंह ने कहा कि दिल्ली में छात्रों ने बड़ी संख्या में उत्सव में भाग लिया। उन्होंने कहा, ‘‘हमने विश्वविद्यालय मेट्रो स्टेशन से हंसराज कॉलेज तक 2.5 लाख दीये भी जलाए।’’
हिमाचल में दिवाली सा माहौल : हिमाचल प्रदेश में दीवाली जैसा माहौल दिखा और जगह-जगह धार्मिक आयोजन किये गये। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने हमीरपुर के अवध देवी मंदिर में पूजा-अर्चना में हिस्सा लिया।
 
हिमाचल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने राज्य की राजधानी में भगवान राम मंदिर में पूजा-अर्चना में भाग लिया। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला के जाखू में भगवान हनुमान मंदिर में पूजा-अर्चना की। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अवसर पर भगवान राम के समर्पित अनुयायी भगवान हनुमान की पूजा की।
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हरियाणा-पंजाब शोभायात्रा और लंगर : अयोध्या में सोमवार को रामलला के नवीन विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा के उपलक्ष्य में जश्न मनाने के वास्ते हरियाणा और पंजाब में भक्ति में डूबे श्रद्धालुओं की मंदिरों में भीड़ एकत्र हुई तथा कई स्थानों पर 'शोभा यात्रा' और 'लंगर' का आयोजन किया गया।
 
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, केंद्रीय मंत्री सोम प्रकाश और पंजाब के कई मंत्रियों ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह के अवसर पर आयोजित धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लिया।
 
खट्टर ने करनाल में एक कार्यक्रम में 'प्राण प्रतिष्ठा' का सीधा प्रसारण देखा, जहां उन्होंने एक मंदिर में पूजा-अर्चना भी की। उन्होंने ‘जय श्रीराम’ के नारे लगाए और 'राम भजनों' की धुन पर नृत्य किया।
उन्होंने कहा कि देश और दुनियाभर के करोड़ों लोगों की इच्छाएं आज पूरी हो गई हैं क्योंकि अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के साथ 500 साल का लंबा इंतजार समाप्त हो गया है।
 
अयोध्या स्थित भव्य राम मंदिर में सोमवार को रामलला के नवीन विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की गई। इस अवसर पर आयोजित समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी भाग लिया।
 
इस अवसर पर पंजाब और हरियाणा में भी धार्मिक उत्साह देखने को मिला। विभिन्न शोभायात्राओं के दौरान लोग धनुष-बाण से युक्त भगवा ध्वज के साथ लोग ‘राम आएंगे, मेरे घर राम आएंगे’ समेत अन्य भजन गाते दिखे। दोनों राज्यों में सड़कों पर श्रद्धालुओं का हुजूम दिखा।
 
कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, "भगवान श्री राम सभी की आस्था के प्रतीक हैं और हम सबकी उनमें आस्था है। सियावर रामचन्द्र की जय।"
 
हरियाणा लोकहित पार्टी के प्रमुख और विधायक गोपाल कांडा ने सिरसा में प्राण प्रतिष्ठा अवसर को देश के लिए एक ऐतिहासिक घटना बताया। उन्होंने एक शोभा यात्रा में भाग लिया और भगवान राम की 31 फुट ऊंची एक मूर्ति का अनावरण किया।
 
अमृतसर में एक शोभायात्रा के दौरान गूंजते ‘जय श्रीराम’, ‘जय सियाराम’ के नारों के बीच इसमें भाग लेने वाले श्रद्धालुओं में से एक ने कहा, ‘‘यह हर किसी के लिए एक भावनात्मक और खुशी का क्षण है क्योंकि यह दिन 500 साल के इंतजार के बाद आया है।’’
 
सजे-धजे मंदिरों में पुजारियों ने पूजा-अर्चना की। इस अवसर पर कई स्थानों पर ‘हवन’ भी आयोजित किए गए। भव्य आयोजन को चिह्नित करने के लिए, पंजाब और हरियाणा में कई स्थानों पर मंदिरों की ओर जाने वाली सड़कों को नया रूप दिया गया।
 
भीषण ठंड में शोभायात्रा : लोगों को ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह के प्रसारण को देखने में सक्षम बनाने के लिए कुछ मंदिर के परिसरों में विशाल एलईडी स्क्रीन लगाई गईं। भीषण ठंड और शीतलहर के बावजूद भक्त चंडीगढ़, अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल, पानीपत, गुरुग्राम, रोहतक, फरीदाबाद, अमृतसर, लुधियाना, जालंधर, पटियाला और पठानकोट सहित कई स्थानों पर मंदिरों में पूजा करने के लिए कतार में लगे रहे। वहीं, एक शोभायात्रा में हिस्सा लेने वाले केंद्रीय मंत्री सोम प्रकाश ने कहा कि भगवान राम देश की सामूहिक चेतना और मानवता का प्रतिनिधित्व करते हैं।
 
मंत्री ने कहा, ‘‘राम सबके हैं और हम इस ऐतिहासिक अवसर का हिस्सा बनकर भाग्यशाली हैं क्योंकि यह पल 500 साल के लंबे इंतजार और लगातार संघर्ष के बाद आया है।’’
 
दोनों राज्यों में कई दुकानदारों और व्यावसायिक प्रतिष्ठानों ने ‘लंगर’ आयोजित किए और चाय, फल तथा बिस्कुट वितरित किए। दोनों राज्यों और उनकी साझा राजधानी चंडीगढ़ में उत्सव का माहौल होने के कारण मिट्टी के दीये और सजावटी लड़ियां खरीदने के लिए बाजारों में लोगों की भीड़ दिखी।
 
विभिन्न संगठनों के स्वयंसेवकों ने घर-घर जाकर लोगों को ध्वज और दीये बांटे। खट्टर ने पहले कहा था कि अयोध्या में राम मंदिर प्रतिष्ठा समारोह पूरे देश में दीवाली त्योहार की तरह मनाया जाएगा। इनपुट भाषा

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