Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

492 वर्षों तक चला अयोध्या के राम मंदिर का मामला

हमें फॉलो करें 492 वर्षों तक चला अयोध्या के राम मंदिर का मामला

संदीप श्रीवास्तव

, बुधवार, 13 नवंबर 2019 (20:33 IST)
अयोध्या। विश्व हिन्दू परिषद के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक दिनेश चन्द्र ने कहा है कि सुप्रीमकोर्ट के पांच जजों की संवैधानिक पीठ ने सर्वसम्मति से राम मंदिर के पक्ष में बहुत स्पष्ट निर्णय दिया है। उसने पूरे तथ्यों को सुनते व समझते हुए अपना फैसला सुनाया है।
 
इसके लिए सर्वोच्च न्यायालय के उन पांचों जजों को साधुवाद देते हुए उन्होंने कहा कि वैसे तो राम मंदिर का मामला सन 1528 से चला आ रहा था, लेकिन कोर्ट में यह मामला 1885 में पहुंचा, जिसका 9 नवंबर 2019 को पटाक्षेप हो गया। इस प्रकार से यह मामला लगभग 492 वर्षों तक चला। 
 
श्रीरामजन्म भूमि न्यास कार्यशाला रामघाट पर बुधवार को दिनेश चन्द्र ने कहा कि अब राम मन्दिर के निर्माण, सृजन व रचनात्मक कार्यों की भूमिका प्रारंभ हो रही है। सन 1990, 91 और 92 में हमारे बहुत से भाई-बहनों ने राम मंदिर बनने तक विवाह न करने, चप्पल न पहनने, बाल-दाढ़ी न कटवाने, अन्न न ग्रहण करने जैसे संकल्प लिए थे। अब चूंकि पक्ष में फैसला आ गया है तो ऐसे लोगों से मेरा विशेष आग्रह कि वह लोग अब अपने सामान्य जीवन में आकर रामलला के कार्य में सक्रिय रूप से जुड़ जाएं।
 
शहीदों के बने स्मारक : दिनेश चंद्र ने कहा कि हम सबके बीच से कितनी पीढ़ियां चली गईं, लेकिन उनका राम मन्दिर निर्माण का सपना अधूरा रह गया। स्व. अशोक सिंहल, साकेतवासी महंत परमहंस रामचन्द्र दास, स्व. महंत अवैद्यनाथ समेत पूरब से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक कितने लोग मन्दिर निर्माण का अधूरा सपना लिए चले गए, मार्ग अब जाकर कहीं प्रशस्त हुआ।
 
उन्होंने कहा कि लाखों कारसेवक राम जन्मभूमि के लिए संघर्ष करते हुए शहीद हो गए। उनकी भी मंदिर के लिए बहुत महत्वपूर्ण भूमिका थी। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आग्रह किया कि वह शहीद कारसेवकों की स्मृति में अयोध्या में एक स्मारक बनाने पर विचार करें, जिससे आने वाला समाज उन कारसेवकों को याद रख सके। 
 
उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने सीधी-सीधी भूमि रामलला को दी है। मन्दिर निर्माण की दृष्टि से कार्यशाला में रखा मॉडल बहुत उपयुक्त है। यह मॉडल देश-दुनिया में पहुंच गया है। कार्यशाला में राम मन्दिर के लिए अब तक एक मंजिल अर्थात 60 प्रतिशत पत्थर तराशने काम पूरा हो चुका है। साथ ही गांव-गांव से आई हुई रामशिलाएं भी कार्यशाला में रखी हैं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Bangladesh की टीम एक दिन में 100 अंडे खा गई, खाने में मांगी 3 तरह की मछली