हरिद्वार। उत्तराखंड की तीर्थनगरी हरिद्वार में संत समाज ने 206 साल पुराने अयोध्या-बाबरी मस्जिद विवाद पर शनिवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया और खुशी जाहिर किया। उन्होंने मांग की है कि मुस्लिम समुदाय को अयोध्या के 84 कोस परिक्रमा से बाहर जमीन दी जानी चाहिए।
शीर्ष न्यायालय के फैसले का देश की जनता ने सम्मान करते हुए स्वीकारा है। संत समाज ने इसे ऐतिहासिक फैसला बताते हुए न्याय पालिका का अभार व्यक्त किया है।
संत समाज ने कहा न्यायालय का फैसला आने के बाद राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। राम मंदिर पर फैसला आने के बाद हरिद्वार में संत समाज ने इस का स्वागत किया है।
उन्होंने कहा कि न्यायालय के फैसले का हम सम्मान करते है। सभी पक्षों को इस फैसले को ससम्मान स्वीकारना चाहिए।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेन्द्र गिरी महाराज ने न्यायालय के फैसले को ऐतिहासिक करार दिया। उन्होंने कहा कि यह हिन्दुत्व की आस्था से जुड़ा मामला है।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि शीर्ष अदालत के फैसले के अनुसार मुस्लिम समुदाय को पांच एकड़ जमीन दी जाएगी।
उन्होंने मांग की है कि मुस्लिम समुदाय को अयोध्या के 84 कोस परिक्रमा से बाहर जमीन दी जानी चाहिए। यदि अयोध्या में ही मुस्लिम समुदाय को जमीन दी जाए तो भी अयोध्या राम जन्म मंदिर से दूरी पर दी जानी चाहिए।
उन्होंने कहा आज का यह ऐतिहासिक फैसला भारतीय एकता एवं अंखडता के लिए नजीर बन गया है। देश के सभी धर्मों के लोगों को एक दूसरे का सम्मान करना चाहिए। मुस्लिम समुदाय के लोग भी हमारे भाई है।
दोनों पक्षों ने शीर्ष अदालत के आदेश को स्वीकार करने की बात कही तो अब इस फैसले को पूरे देश को स्वीकार करना चाहिए।
उन्होंने सभी हिन्दू और मुस्लिम समुदाय के लोगों से अपील की है कि सभी लोग इस फैसले को स्वीकार कर भाईचारे की एक मिसाल कायम करें।
उन्होंने कहा कि देश के शीर्ष न्यायालय के प्रमुख पंच रंजन गोगोई की अगुवाई में आज पंच परमेश्वर ने इस मामले पर फैसला सुनाया। जिन्होंने असत्य पर सत्य की विजय को बने रहने की एक मिसाल कायम की है।
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि पूरे भारत वर्ष में 13 अखाड़े हैं जो कि अपने आप में यह एक सर्वोच्च सर्व संस्था है।
उन्होंने मांग की राम मंदिर के निर्माण को लेकर एक ट्रस्ट बनाया जाए और ट्रस्ट में संत समाज को भी शामिल कर उनका सम्मान करें, क्योंकि राम मंदिर निर्माण की लड़ाई में संत समाज ने भी अपनी अहम भूमिका निभाई है।
उन्होंने बताया कि कई बड़े संत जो कि हमारे बीच में नहीं रहे उन्होंने भी राम मंदिर के पक्ष में लड़ाई लड़ी है। इसलिए, संत समाज को भी इस ट्रस्ट में शामिल कर सम्मान मिलना चाहिए। (वार्ता)