एक तरफ अयोध्या विवाद पर बहुप्रतीक्षित फैसले की घड़ी करीब आ रही है, दूसरी ओर अयोध्या में 14 कोसी परिक्रमा शुरू हो गई। इसके लिए लाखों श्रद्धालु अयोध्या पहुंच गए हैं।
मंगलवार को सुबह 6:05 के शुभ मुहूर्त में अक्षय नवमी के लगते ही श्रद्धालुओं ने परिक्रमा शुरू कर दी। करीब 42 किलोमीटर की अयोध्या की यह परिक्रमा श्रद्धालुओं के लिए बहुत ही महत्व रखता है। देश के कोने-कोने से लाखों की संख्या में श्रद्धालु अयोध्या पहुंचे हुए हैं। लोगों के मन में आस्था का भाव इस कदर है की नंगे पाव परिक्रमा कर रहे हैं।
14 कोसी परिक्रमा को लेकर जिला प्रशासन ने भी सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। कार्तिक मेला है 14 कोसी परिक्रमा, पंचकोशी परिक्रमा और कार्तिक स्नान को लेकर आईजी रेंज डॉ. संजीव गुप्ता ने अयोध्या में पुलिसकर्मियों की ब्रीफिंग भी की। परिक्रमा मार्ग पर ड्रोन कैमरे के माध्यम से निगरानी की जा रही है।
सुरक्षा में किसी भी तरह की चूक न हो इसके लिए एटीएस के कमांडो तैनात किए गए हैं। सीआरपीएफ व आरएएफ जवानों को लगाया गया है। साथ ही संदिग्धों पर निगरानी रखने के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। अयोध्या के नया घाट पर कंट्रोल रूम भी अयोध्या नया घाट पर कंट्रोल रूम भी स्थापित किया गया है।
आईजी रेंज गुप्ता खुद पूरी सुरक्षा व्यवस्था की इसकी मॉनिटरिंग कर रहे हैं। परिक्रमा और कार्तिक मेले के साथ ही अयोध्या मामले के संभावित फैसले को लेकर भी पुलिस प्रशासन ने अपनी तैयारी पूर्ण कर ली है। 5000 से ज्यादा सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। इसके अलावा अन्य सुरक्षा बलों को भी बुलाया गया है।
श्रद्धालु सरयू नदी में स्नान करने के बाद परिक्रमा में शामिल हो रहे हैं। 24 घंटे यह परिक्रमा चलेगी 6 नवंबर यानी बुधवार सुबह 7 बजे परिक्रमा समाप्त होगी। एक अनुमान के अनुसार लगभग 30 लाख श्रद्धालु इस परिक्रमा में शामिल होंगे।
उल्लेखनीय है कि भगवान राम के अयोध्या लौटने की खुशी में यह परिक्रमा की जाती है। श्रद्धालुओं का मानना है कि इससे सुख-समृद्धि आती और सरयू नदी में स्नान करने से पाप नष्ट होते हैं। इस यात्रा मार्ग में वह मार्ग भी शामिल है, जिससे राम वन के लिए गए थे और वनवास की अवधि पूर्ण होने के बाद अयोध्या लौटे थे।