Ayodhya ram mandir : PM मोदी के भाषण के मायने, 10 प्रमुख बातें

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भाषण में क्यों मांगी माफी

वेबदुनिया न्यूज डेस्क
सोमवार, 22 जनवरी 2024 (16:58 IST)
Ayodhya ram mandir : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भव्य राम मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि राम सर्वत्र हैं, राम नीति और निरंतरता, प्रतिष्ठा और प्रभा हैं, भारतीय दिग्दर्शन का चिंतन हैं, राम भारत की आस्था हैं, राम भारत की चेतना हैं और पूरे विश्व को राम  की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री ने 'देव से देश' और 'राम से राष्ट्र' थीम पर आधारित प्रेरक संदेश दिया। आइए 10 बिंदुओं से समझते हैं प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषण के मायने
 
1. राम सबके हैं : पीएम नरेंद्र मोदी ने भगवान श्रीराम को सर्वव्यापी बताते हुए कहा है कि राम सबके हैं, सभी समस्याओं का समाधान हैं और पूरी दुनिया को आज राम की आवश्यकता है। यानी राम सिर्फ हिन्दुओं के नहीं, सभी धर्मों के हैं। राम मंदिर में राम लला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में बाबरी मस्जिद में मुस्लिम पक्षकार इकबाल अंसारी को भी आमंत्रित किया गया था। यह दर्शाता है कि राम मंदिर बन जाने से हिन्दू-मुस्लिम में किसी प्रकार का वैमनस्य नहीं है। अब राम को लेकर किसी प्रकार की राजनीति भी नहीं होनी चाहिए। पीएम ने अपने भाषण में यह भी कहा कि रामलला के इस मंदिर का निर्माण, भारतीय समाज के शांति, धैर्य, आपसी सद्भाव और समन्वय का भी प्रतीक है। 
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2. धैर्य की धरोहर : प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि राम मंदिर का निर्माण सदियों के धैर्य की धरोहर है। हम इस पल को साक्षात देख रहे हैं। लोग आज के पल की हमेशा चर्चा करेंगे। पीएम ने कहा कि उस कालखंड में तो वियोग सिर्फ 14 वर्षों का था। इस युग में तो अयोध्या और देशवासियों ने सैकड़ो वर्षों का वियोग सहा है। हमारी कई पीढ़ियों ने वियोग सहा है। पीएम ने कहा कि संविधान के अस्तित्व में आने के बाद भी प्रभु श्री राम के अस्तित्व पर कानूनी लड़ाई लड़ी। 
 
3. नए कालचक्र का उद्‍गम : प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि 22 जनवरी, 2024 कैलेंडर की तारीख मात्र नहीं है, यह नए कालचक्र का उद्‍गम है। पीएम ने कहा कि आज गांव-गांव में एक साथ कीर्तन, संकीर्तन हो रहे हैं। आज मंदिरों में उत्सव हो रहे हैं, स्वच्छता अभियान चलाए जा रहे हैं। यह नए कालचक्र का उद्‍गम है। 
 
4. राम से क्षमा मांगी : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने भाषण में भगवान राम से क्षमा भी मांगी। उन्होंने अपने भाषण में कहा कि मैं आज प्रभु श्रीराम से क्षमा याचना भी करता हूं। हमारे पुरुषार्थ, त्याग, तपस्या में कुछ तो कमी रह गई होगी कि हम इतनी सदियों तक यह कार्य कर नहीं पाए। आज वह कमी पूरी हुई है। मुझे विश्वास है कि प्रभु श्री राम आज हमें अवश्य क्षमा करेंगे। पीएम ने कहा कि प्रभु राम हमें अवश्य क्षमा करेंगे, हम इतनी सदियों से यह काम नहीं कर पाए। 
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5. राम से राष्ट्र : पीएम मोदी ने कहा कि राम मंदिर सिर्फ एक देव मंदिर नहीं, यह भारत के दिग्दर्शन का मंदिर है। ये भारत की दृष्टि का, भारत के दर्शन का, भारत के दिग्दर्शन का मंदिर है। मंदिर भारतीय समाज के शांति, धैर्य, आपसी सद्भाव और समन्वय का प्रतीक है। मंदिर निर्माण किसी आग को नहीं बल्कि ऊर्जा को जन्म देता है। 
 
6. न्याय की बात : पीएम मोदी ने अपने भाषण में राम मंदिर पर न्यायालय के फैसले का भी जिक्र किया। पीएम मोदी ने कहा कि विधान के अस्तित्व में आने के बाद भी दशकों तक प्रभु राम के अस्तित्व को लेकर कानूनी लड़ाई चली। मैं भारत की न्यायपालिका का आभार व्यक्त करूंगा, जिसने न्याय की लाज रख ली। न्याय के पर्याय प्रभु राम का मंदिर भी न्यायबद्ध तरीके से ही बना।
7. कोई भी सहयोग छोटा नहीं : देश के विकास में सभी से योगदान का आह्वान करते हुए पीएम मोदी ने रामसेतु के निर्माण में छोटी सी गिलहरी के योगदान की भी चर्चा की। लंकापति रावण से धर्मयुद्ध करने से पहले जब भगवान राम की वानरसेना रामसेतु बना रही थी उसी समय मर्यादा पुरुषोत्तम राम की नजर एक गिलहरी पर पड़ी। वह अपनी क्षमता के मुताबिक छोटे कंकर रामसेतु निर्माण में लगे श्रमिकों को दे रही थी। मोदी ने कहा कि गिलहरी और भगवान राम का संवाद हमें बताता है कि सकारात्मक सोच और प्रयास हमेशा जारी रहने चाहिए।
 
8. राम समाधान हैं : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भगवान श्री राम को सर्वव्यापी बताते हुए कहा है कि राम सबके हैं, सभी समस्याओं का समाधान हैं और पूरी दुनिया को आज राम की आवश्यकता है। पीएम ने भाषण में कहा कि वो भी एक समय था, जब कुछ लोग कहते थे कि राम मंदिर बना तो आग लग जाएगी। ऐसे लोग भारत के सामाजिक भाव की पवित्रता को नहीं जान पाए।
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9. लक्ष्य की प्राप्ति असंभव नहीं : पीएम मोदी ने कहा कि हमें अब बैठना नहीं है। आने वाला समय सफलता का है। ये भव्य राम मंदिर भारत के उत्कर्ष का साक्षी बनेगा। ये मंदिर सिखाता है कि अगर लक्ष्य सत्य, प्रमाणिक और सामूहिकता और संगठित शक्ति से जन्मा हो तो उस लक्ष्य को प्राप्त करना असंभव नहीं है। शताब्दियों की प्रतीक्षा के बाद हम यहां पहुंचे हैं।
 
10. युवाओं से जोड़ा : पीएम मोदी ने कहा कि राम आग नहीं, राम ऊर्जा हैं। राम विवाद नहीं, राम समाधान हैं राम हीरो हैं। राम सिर्फ हमारे नहीं हैं, राम तो सबके हैं। राम वर्तमान ही नहीं, राम अनंतकाल हैं। पीएम मोदी ने अपने भाषण में युवाओं को राम से जुड़ने के लिए प्रेरित किया।

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