10, 100, 1000 रुपए के कूपनों से जुटाया जाएगा अयोध्या राम मंदिर के लिए चंदा

संदीप श्रीवास्तव
बुधवार, 16 दिसंबर 2020 (18:28 IST)
अयोध्या। श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के लिए धन एकत्र करने के लिए ट्रस्ट के नेतृत्व में कार्यकर्ता मकर संक्रांति से जनसंपर्क का कार्य प्रारंभ करेंगे और करोड़ों घरों में भगवान के मंदिर का चित्र पहुंचाएंगे। इसे माघ पूर्णिमा तक पूरा कर लिया जाएगा।
 
मंदिर निर्माण के लिए देशभर में घरों से सहयोग लेने के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने 10 रुपए, 100 रुपए और एक हजार रुपए के कूपन व रसीदें छापी हैं। ट्रस्ट महासचिव एवं विश्व हिंदू परिषद के उपाध्यक्ष चंपत राय ने बताया कि श्री जन्मभूमि मंदिर से जुड़ी इतिहास की सच्चाइयों को सर्वोच्च अदालत ने स्वीकार किया।
 
भारत सरकार ने न्यायालय के निर्देश पर श्रीराम जन्मभूमि के लिए 'श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' नाम से ट्रस्ट गठित किया। उन्होंने कहा कि मंदिर के वास्तु का दायित्व अहमदाबाद के चंद्रकान्त सोमपुरा पर है। वे वर्ष 1986 से ही जन्मभूमि मंदिर निर्माण की देखभाल कर रहे हैं। संपूर्ण मंदिर पत्थरों से बनेगा
 
मंदिर के आकार-प्रकार के विषय में उन्होंने बताया कि प्रत्येक मंज़िल की ऊंचाई 20 फुट होगी, मंदिर की लंबाई 360 फुट तथा चौड़ाई 235 फुट है, भूतल से 16.5 फुट ऊंचा मंदिर का फर्श बनेगा, भूतल से गर्भ गृह के शिखर की ऊंचाई 161 फुट होगी। धरती के नीचे 200 फीट गहराई तक मृदा परीक्षण तथा भविष्य के संभावित भूकंप के प्रभाव का अध्ययन हुआ है।
 
उन्होंने कहा कि कम से कम आधी आबादी को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की ऐतिहासिक सच्चाई से अवगत कराने के लिए देश के प्रत्येक कोने में घर-घर जाकर संपर्क करेंगे। अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, अंडमान निकोबार, रणकच्छ, त्रिपुरा सभी कोनों पर जाएंगे,  समाज को राम जन्मभूमि के बारे में पढ़ने के लिए साहित्य दिया जाएगा। जब जनसंपर्क होगा लाखों कार्यकर्ता गांव और मोहल्लों में जाएंगे तो समाज स्वेच्छा से कुछ न कुछ निधि समर्पण करेगा।
 
मंदिर निर्माण के लिए धन के प्रबंध पर उन्होंने बताया कि भगवान का काम है। मंदिर भगवान का घर है, भगवान के कार्य में धन बाधा नहीं हो सकता, समाज का समर्पण कार्यकर्ता स्वीकार करेंगे, हालांकि आर्थिक विषय में पारदर्शिता बहुत आवश्यक है। पारदर्शिता बनाए रखने के लिए हमने 10 रुपए, 100 रुपए, 1000 रुपए के कूपन व रसीदें छापी गई हैं। 
राजू होगें निर्माण समिति के अध्यक्ष : दूसरी ओर, श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर निर्माण के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने निर्माण समिति का गठन किया है। ट्रस्ट ने अयोध्या में श्रीराम मंदिर के लिए नींव डिजाइन की समीक्षा और सिफारिशों के लिए संबंधित क्षेत्र में प्रतिष्ठित इंजीनियरों की एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया है। आईआईटी दिल्ली के पूर्व निदेशक प्रो. वीएस राजू को अध्यक्ष सीबीआरआई, रुड़की के निदेशक प्रो. एन. गोपालकृष्णन को कन्वेयर बनाया गया है।
 
समिति के सदस्यों में एनआईटी सूरत के निदेशक प्रो. एसआर गांधी, आईआईटी गुवाहाटी के निदेशक प्रो. टीजी सीताराम, आईआईटी दिल्ली के एमेरिटस-प्रोफेसर प्रो. बी. भट्टाचार्जी, टीसीई सलाहकार एपी मुल, आईआईटी मद्रास के प्रो. मनु संथानम, आईआईटी, मुंबई के प्रो. प्रदीप्ता बनर्जी को सदस्य बनाया गया है।

सम्बंधित जानकारी

Show comments
सभी देखें

श्रीराम कथा

भगवान राम का जन्म लाखों वर्ष पहले हुआ था या 5114 ईसा पूर्व? जानिए रहस्य

भगवान राम के संबंध में 12 रोचक तथ्‍य, आप भी जानिए इस रहस्य को...

उत्तर रामायण : लव और कुश का जीवन परिचय

दिवाली पर जब श्रीराम अयोध्या आए तो हुआ इस तरह स्वागत

राम के वंशज आज भी हैं, जानिए कौन हैं और रहते हैं कहां

भगवान राम की सेना में कौन क्या था, आप भी जानकर हैरान रह जाएंगे

महर्षि वाल्मीकि की रामायण और गोस्वामी तुलसीदास की रामचरितमानस के उत्तर कांड में फर्क क्यूं?

रामायण काल की 5 खास बातें, जानकर चौंक जाएंगे

वन में प्रभु श्रीराम ने किए थे ये 7 कार्य

कैसे हुई थी प्रभु श्रीराम की मृत्यु

भगवान श्री राम ने भी उड़ाई थी पतंग, रामचरित मानस के बालकांड में है उल्लेख

रामचरित मानस की ये 10 चौपाई आपके जीवन को बदल देगी, होगा चमत्कार

एकश्लोकी रामायण : मात्र एक श्लोक में संपूर्ण रामायण, राम कथा

रामायण का जटायु पक्षी गिद्ध, गरुड़ या कुछ और

भगवान श्री राम अयोध्या आगमन के पहले कहां रुके थे?

सभी देखें

अन्य समाचार

संभल में कैसे भड़की हिंसा, DM राजेंद्र पेंसिया ने बताई पूरी सचाई

LIVE: बांग्लादेश में इस्कॉन से जुड़े धर्मगुरु चिन्मय कृष्ण दास प्रभु गिरफ्तार

दुष्कर्म और कई राज्‍यों में की हत्‍या, 1 दर्जन से ज्‍यादा केस दर्ज, आरोपी गुजरात से गिरफ्तार

Pakistan : इमरान के समर्थकों ने इस्लामाबाद की ओर निकाला मार्च, पीटीआई के शीर्ष नेताओं ने जेल में की मुलाकात

Maharashtra का मुख्यमंत्री चुनने में महायुति को आखिर क्यों हो रही है इतनी देरी

अगला लेख
More