नई दिल्ली। भारत में लागत बढ़ने के डर से कार कंपनियां सेफ्टी फीचर्स को नजरअंदाज कर ती हैं, लेकिन केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि छोटी कारों में भी सुरक्षा की दृष्टि से पर्याप्त संख्या में एयरबैग होने चाहिए।
आमतौर पर छोटी कारों की खरीद कम आय वर्ग वाले मध्यवर्गीय लोगों द्वारा की जाती है। गडकरी ने सवाल किया कि वाहन कंपनियां सिर्फ अमीर लोगों द्वारा खरीदी जाने वाली बड़ी कारों में ही 8 एयरबैग क्यों उपलब्ध कराती हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या कार कंपनियां मंत्रीजी के बयान के बाद लोगों की सुरक्षा को देखते हुए छोटी कारों में एयरबैग्स की संख्या को बढ़ाएगी।
गडकरी ने एक इंटरव्यू में कहा कि छोटी सस्ती कारों में अधिक एयरबैग की अपील वह सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कर रहे हैं। उनका यह बयान ऐसे समय आया है जबकि वाहन उद्योग ने इस बात को लेकर चिंता जताई है कि ऊंचे कराधान तथा सख्त सुरक्षा और उत्सर्जन नियमों की वजह से उनके उत्पाद महंगे हो गए हैं।
उन्होंने कहा कि छोटी कारों की खरीद निम्न मध्यम आय वर्ग के लोगों द्वारा की जाती है। यदि उनकी कारों में एयरबैग नहीं होगा, तो दुर्घटना की स्थिति में उनकी जान जा सकती है। ऐसे में मैं सभी कार विनिर्माताओं से अपील करूंगा कि वे अपने वाहनों के सभी संस्करणों में कम से कम छह एयरबैग उपलब्ध कराएं।
उन्होंने इस बात को स्वीकार किया अतिरिक्त एयरबैग से छोटी कारों की लागत कम से कम 3,000 से 4,000 रुपए बढ़ जाएगी। उन्होंने कहा कि हमारे देश में गरीबों को भी पूरी सुरक्षा मिलनी चाहिए।
बेबाकी से अपनी राय रखने वाले गडकरी ने कहा कि अमीर लोगों के लिए आप आठ एयरबैग देते हैं। सस्ती कारों के लिए आप सिर्फ दो-तीन एयरबैग की पेशकश करते हैं। ऐसा क्यों?
नए नियमों के अनुसार 1 अप्रैल 2021 से सभी नए कार मॉडल में आगे की दोनों सीटों के लिए एयरबैग अनिवार्य कर दिए गए हैं जबकि 31 अगस्त 2021 से मौजूदा कार मॉडल के लिए आगे की दोनों सीटों के लिए एयरबैग अनिवार्य हैं। ऐसे में कार कंपनियों को 6 एयरबैग के लिए 4 एयरबैग अतिरिक्त लगाने होंगे।