नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात में आयोजित निवेशक शिखर सम्मेलन को संबोधित किया और व्हीकल स्क्रैप पॉलिसी (Vehicle Scrappage Policy) को लॉन्च किया। 10 बिंदुओं में आसानी से समझे पुरानी कार रखने वालों को क्या होगा फायदा और क्या होगा नुकसान।
1. नई व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी के तहत निजी व्हीकल को 20 साल के बाद और कमर्शियल व्हीकल्स को 15 साल के बाद फिटनेस टेस्ट करना जरूरी होगा।
2. पुरानी गाड़ियों का फिटनेस टेस्ट ऑटोमेटेड सेंटर्स में किया जाएगा। इन सेंटर्स पर वाहनों का फिटनेस टेस्ट होगा, जहां उन्हें सर्टिफिकेट
मिलेगा। देशभर में स्क्रैपिंग पॉलिसी के लिए आटोमेटेड फिटनेस सेंटर बनाए जाएंगे।
3. अगर आपकी गाड़ी फिटनेस टेस्ट में फेल होती है तो उसे ELV यानी एंड ऑफ लाइफ यानी गाड़ी की लाइफ खत्म माना जाएगा।
4. गाड़ी के रीरजिस्ट्रेशन को रीन्यू कराने की बजाय स्क्रैपिंग के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
5. पुराने गाड़ी के स्क्रैप प्रमाण-पत्र वाले लोगों को नई गाड़ी खरीदने पर रजिस्ट्रेशन के लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा और रोड टैक्स में भी
छूट मिलेगी।
6. केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने बताया था कि भारत में 51 लाख हल्के मोटर वाहन है जो 20 साल से ज्यादा पुराने है और 34 लाख हल्के मोटर वाहन जो 15 साल से ज्यादा पुराने हैं। वैध फिटनेस प्रमाण-पत्र के बिना लगभग 17 लाख मध्यम और भारी कमर्शियल वाहन हैं जो 15 वर्ष से अधिक पुराने है।
7. नई व्हीकल स्क्रैपिंग पॉलिसी से ऑटोमोबाइल सेक्टर में लोगों को रोजगार मिलेगा।
8. स्क्रैप मैटेरियल से ऐसे एलिमेंट्स भी प्राप्त होंगे जो इलेक्ट्रिक व्हीकल के बैटरी के रिसर्च में काम आएंगे।
9. गाड़ी स्क्रैप की जाएगी, उनसे निकलने वाले पार्ट्स को रिसाइकिल किया जाएगा। इससे कॉम्पोनेंट्स की कीमत में भी कमी आएगी।
10. पुरानी गाड़ियों, पुरानी टेक्नोलॉजी के कारण रोड एक्सीडेंट का खतरा ज्यादा रहता है, जिससे मुक्ति मिलेगी, साथ ही इससे हमारे स्वास्थ्य में प्रदूषण के कारण जो असर पड़ता है, उसमें कमी आएगी।