हम 'वेबदुनिया' के पाठकों के लिए क्रमश: समस्त 12 राशियों व उन राशियों में जन्मे जातकों के व्यक्तित्व के गुण-दोष की जानकारी प्रदान कर रहे हैं। इसी क्रम में प्रस्तुत है धनु राशि में जन्मे जातकों का व्यक्तित्व-
राशि-धनु
स्वामी ग्रह-बृहस्पति/गुरु
गुणधर्म-द्विस्वभाव
तत्व-अग्नि
उदय-पृष्ठोदय
दिशा-पूर्व
धनु राशि वाले जातक का व्यक्तित्व
जिन जातकों के जन्म समय जन्मपत्रिका में चन्द्रमा धनु राशि में स्थित होता है उनकी धनु राशि होती है। धनु राशि का स्वामी बृहस्पति है। बृहस्पति को नवग्रहों में गुरु की उपाधि प्राप्त है।
धनु राशि वाले जातकों का शरीर सुगठित व संतुलित होता है। गुरु के प्रभाव के कारण ये विद्वान एवं प्रतिभाशाली होते हैं। धनु राशि वाले जातक सुंदर व प्राय: गौर वर्ण वाले होते हैं। उनका मस्तक चौड़ा होता है। धनु राशि एक अग्नि तत्व राशि है इसके प्रभाव से धनु राशि वाले साहसी एवं किसी भी परिस्थिति में हार ना मानने वाले होते हैं। वे उग्र व महत्वाकांक्षी होते हैं। वे कठिनतम समस्याओं को भी अपने विवेक-बुद्धि से सुलझाने में सक्षम होते हैं।
धनु राशि के जातक आत्मविश्वास से भरपूर होते हैं। अग्नि तत्व राशि के होने के कारण उनमें उत्तेजना व जोश अधिक होता है।
धनु एक द्विस्वभाव राशि है। इसके कारण धनु राशिवाले शीघ्र किसी निर्णय पर नहीं पहुंच पाते। उनमें निर्णय लेने की स्थिति अक्सर 'पल में तोला, पल में मासा' वाली होती है। वे खूब सोच-विचार कर ही कोई निर्णय लेते हैं। गुरु के प्रभाव के कारण धनु राशि के जातक आस्तिक होते हैं। इस राशि के जातक सात्विक होते हैं।
धनु राशि वाले जातक प्राय: अत्यंत उदारवादी व आध्यात्मिक किस्म के होते हैं। धनु राशि वाले अधिकतर शासकीय सेवा, न्यायाधीश, वकील, अध्यापक, शिक्षाविद, ज्योतिषी, लेखक, वक्ता, राजनेता, धर्मगुरु, उपदेशक आदि क्षेत्रों में अधिक सफल होते हैं।
(क्रमश:)...
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र
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