इन राशि वालों से करेंगे विवाह तो दांपत्य जीवन हो सकता है बर्बाद

अनिरुद्ध जोशी
यदि आपने अपनी विपरित राशि के या शत्रु राशि के व्यक्ति से विवाह किया है तो आपको जीवनभर वैचारिक मतभेद का सामना करना होगा। ऐसे में किसी एक को दूसरे के सामने समर्पण भाव से रहना होता है अन्यथा दांपत्य जीवन सुखमय नहीं बितता या तलाक की नौबत आ जाती है। जो व्यक्ति एडजेस्ट करने करता है वह जीवनभर घुटन में ही रहेगा। ऐसे में दोनों को ही अपना अहंकार अलग रखकर समझदारी का परिचय देना चाहिए। मतलब यह कि दोनों एक दूसरे की भावनाओं का सम्मान करें। यह लेख ज्योतिष की मान्यता पर आधारित है। पाठक अपने विवेक का उपयोग करें।
 
 
विवाह के पूर्व लड़के और लड़की की कुंडली मिलान को मेलापक या मेलन-पद्धति कहते हैं। इसे मिलान पत्रक या अष्टकूट मिलान भी कहते हैं। आम भाषा में इसे गुण मिलान कहते हैं। इसमें वर्ण, वश्य, तारा, योनि, मैत्री, गण, भकूट और नाड़ी का मिलाना होता है। अधिकतर ज्योतिष मानते हैं कि यदि भकूट और नाड़ी का मिलान हो गया तो विवाह कर लिया जाना चाहिए, लेकिन कुछ ज्योतिष यह भी मानते हैं कि मैत्री मिलान भी जरूरी है। मैत्री मिलान में राशि और ग्रहों का मिलान किया जाता है। आओ इसी संबंध में जानते हैं कुछ खास।
 
 
तत्व नियम:- 
पांच तत्व होते हैं। पृ‍थ्वी, जल, अग्नि, वायु और आकाश। आकाश तत्व की कोई राशि नहीं है। जल और अग्नि तत्व आपस में शत्रु हैं। अग्नि और वायु में कुछ-कुछ मित्रता है। वायु की जल से भी पटरी बैठ जाती है। जिस तरह अग्नि और जल का मेल नहीं हो सकता उसी प्रकार इन तत्वों के प्रभाव में आने वाली राशि भी एक-दूसरे के सम्पर्क में आने पर एक-दूसरे का विरोध करके एक-दूसरे का जीवन बर्बाद ही करते हैं। अत: विवाह करने जा रहे हैं तो राशि मैत्री जरूर देखें।
 
 
1.अग्नि तत्व- अग्नि तत्व का अधिमित्र वायु, मित्र पृथ्वी और जल शत्रु है।
2.पृथ्वी तत्व- पृथ्वी तत्व का अधिमित्र जल, मित्र अग्नि, वायु शत्रु है।
3.वायु तत्व- वायु तत्व का अधिमित्र अग्नि, मित्र जल, शत्रु पृथ्वी है।
4.जल तत्व- जल तत्व का अधिमित्र पृथ्वी, मित्र वायु, शत्रु अग्नि है।
 
 
अब आप जान सकते हैं कि कौन सी राशि वाला आपका मित्र या आपका शत्रु है।

 
1.मेष, सिंह व धनु राशि-
मेष, सिंह व धनु राशियां अग्नि तत्व प्रधान है अर्थात ये उग्र व गर्म मिजाज वाली राशियां होती हैं। उक्त राशियों में अच्छी मित्रता होती है। मतलब इनका आपसी तालमेल अन्य किसी राशि की अपेक्षा बेहतर होता है। इनका वायु तत्व वाले अर्थात मिथुन, तुला व कुंभ राशि वाले भी अच्छे मित्र होते हैं लेकिन पृथ्वी तत्व राशि वाले अर्थात वृष, कन्या व मकर सामान्य मित्र होते हैं।
 
 
लेकिन इनकी कर्क, वृश्चिक और मीन राशि वालों के साथ शत्रुता रहती है। ये आपस में दोस्त तो हो सकते हैं लेकिन जीवनभर एक-दूसरे से असंतुष्ट ही रहेंगे या एक दूसरे को धोखा देते रहेंगे।
 
2.वृष, कन्या व मकर राशि-
वृष, कन्या व मकर राशियां पृथ्वी तत्व प्रधान होने के कारण धैर्यशाली व ठंडे मिजाज वाली हैं। उक्त राशियों में अच्छी मित्रता होती है। इनकी कर्क, वृश्चिक और मीन राशि वालों के साथ अच्‍छी पटरी बैठती है। मेष, सिंह व धनु राशि वालों के साथ भी ये अच्‍छी मित्रता निभा लेते हैं लेकिन मिथुन, तुला व कुंभ वालों के साथ इनकी शत्रुता रहती है।

 
3.मिथुन, तुला व कुंभ राशि-
मिथुन, तुला व कुंभ राशियां वायु तत्व प्रधान होने के कारण अस्थिर चित्त व द्विस्वभाव वाली होती हैं। उक्त राशियों में अच्छी मित्रता होती है। मेष, सिंह व धनु राशि वालों के साथ इनकी अच्छी पटरी बैठती है। कर्क, वृश्चिक और मीन राशि वालों से भी यह मित्रता निभा लेते है, लेकिन वृष, कन्या व मकर वालों के साथ इनकी शत्रुता रहती है।
 
 
4.कर्क, वृश्चिक व मीन राशि-
कर्क, वृश्चिक व मीन राशियां जल तत्व प्रधान हैं। ये धीर-गंभीर व विशाल हृदया होती हैं। उक्त राशियों के बीच अच्छी मित्रता होती है। इसके अलावा इनकी वृष, कन्या व मकर राशि वालों के साथ अच्‍छी पटरी बैठती है। मिथुन, तुला व कुंभ राशि वालों के साथ भी ये रिश्ते निभा लेते हैं, लेकिन मेष, सिंह व धनु राशि वालों के साथ इनकी शत्रुता रहती है।
 
 
राशि स्वभाव मैत्री-
तत्व के अलावा राशियों के स्वभाव पर भी मित्रता का असर होता है। राशियों के हिसाब से देखें तो स्वयं की राशि के अलावा मेष, सिंह व धनु राशि वालों की मित्रता मिथुन, तुला व कुंभ राशि वाले लोगों से होती है। वृष, कन्या व मकर राशि वाले लोगों की मित्रता कर्क, वृश्चिक व मीन राशि वाले लोगों से ज्यादा पटती है।
 
 
* मेष और वृश्चिक राशि- मेष व वृश्चिक राशि वाले लोगों की मित्रता कर्क, धनु व मीन से होती है।
* सिंह राशि- सिंह राशि वाले की मित्रता मेष, कर्क, वृश्चिक, धनु व मीन राशि वालों से होती है।
* मिथुन और कन्या राशि- मिथुन व कन्या राशि वाले लोगों की मित्रता सिंह, कर्क, धनु व मीन राशि के लोगों से होती है।
* धुन और मीन राशि- धनु व मीन राशि के लोगों की मेष, वृश्चिक, कर्क, मकर व कुंभ से मित्रता होती है।
* वृषभ और तुला-शुक्र की राशि वृष व तुला वाले लोगों की मित्रता, सिंह, धनु व मीन राशि वालों से होती है।
* मकर और कुंभ राशि- मकर व कुंभ राशि वाले लोगों की मित्रता मेष, वृश्चिक, कर्क, धनु व मीन राशि के लोगों से होती है।
* कर्क- मित्रता वृष, कन्या, वृश्चिक, मकर व मीन राशि वालों से होती है।
 
 
किन ग्रहों के बीच होती है मित्रता?
नवग्रहों में सूर्य-सिंह राशि, चंद्रमा-कर्क राशि, मंगल-मेष व वृश्चिक, बुध-मिथुन व कन्या, गुरु-धनु व मीन राशि, शुक्र-वृष व तुला तथा शनि-मकर व कुंभ राशि के स्वामी होते हैं। शास्त्रों में इनमें नैसर्गिक मैत्री संबंध बताए गए हैं।

 
1. सूर्य- सूर्य के चंद्रमा, मंगल व गुरु मित्र होते हैं।
2. चंद्र- चंद्र के बुध, शुक्र, गुरु और शनि मित्र होते हैं लेकिन बुध, शुक्र, शनि, राहु, केतू इन्हें पसंद नहीं करते।
3. मंगल- मंगल के मित्र शनि व सूर्य होते हैं।
4. बुध- इस ग्रह के सूर्य, गुरु व चंद्र मित्र होते हैं।
5. गुरु- गुरु के मंगल, चंद्र और शनि मित्र होते हैं।
6. शुक्र- इसके गुरु, सूर्य मित्र व मंगल शत्रु होते हैं।
8. शनि- इस ग्रह की गुरु, चंद्र, मंगल से मित्रता होती है।
 

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