कर्क राशि जल तत्व प्रधान हैं। जल तत्व का अधिमित्र पृथ्वी, मित्र वायु, शत्रु अग्नि है। वृष, कन्या व मकर राशियां पृथ्वी तत्व राशियां हैं। वायु तत्व राशियां में मिथुन, तुला एवं कुंभ है। अग्नि तत्व राशियों में सिंह, मेष और धनु राशियां आती हैं। जबकि जल तत्व की अन्य राशियां वृश्चिक और मीन हैं।
इसका मतलब यह कि कर्क की वृश्चिक, मीन, वृष, कन्या व मकर राशि वालों के साथ अच्छी पटरी बैठती है। मिथुन, तुला व कुंभ राशि वालों के साथ भी ये रिश्ते निभा लेते हैं, लेकिन मेष, सिंह व धनु राशि वालों के साथ इनकी शत्रुता रहती है। लेकिन हमें राशि तत्व के अलावा राशि ग्रह भी देखना होगा। ग्रहों के मित्रता के अनुसार...
ग्रह मित्रता के अनुसार : कर्क राशि का स्वामी ग्रह चंद है। चंद्र के अधिमित्र सूर्य और बुध, मित्र मंगल और शुक्र, सम केतु, शत्रु शनि और गुरु जबकि अधिशत्रु राहु है। इसका मतलब यह कि सूर्य कि सिंह, बुध की मिथुन और कन्या राशि वाले अधिमित्र, मंगल की मेष और वृश्चिक राशि वाले मित्र, शुक्र की तुला राशि वाले मित्र, केतु सम, शनि की कुंभ और मकर राशि वाले और गुरु की धनु और मीन राशि वाले शत्रु और राहु अधिशत्रु है।
1.बन सकते हैं ये अच्छे मित्र : कर्क राशि वालों की वृष, कन्या, मीन व मकर राशि वालों से मित्रता रह सकती है, जबकि ग्रह मैत्री के अनुसार सिंह और मिथुन से भी कुछ-कुछ संबंध बन सकता है।
2.इनसे भी पटरी बैठा सकते हैं : मिथुन, तुला एवं कुंभ राशियों से भी यह पटरी बैठा सकते हैं जबकि ग्रह मैत्री के अनुसार मेष, वश्चिक और तुला से भी यह संबंध बैठा सकते हैं।
3.इनसे रहती है खटास : सिंह, मेष और धनु राशियों से इनकी शत्रुता रह सकती है जबकि ग्रह मैत्री के अनुसार कुंभ और मकर राशि वालों से इनकी शत्रुता रहेगी।
निष्कर्ष :
कर्क राशि वालों को मेष, कुंभ और धनु राशि वाले से सतर्क रहना चाहिए।