हर घर के बाहर तुलसी का पौधा होना अनिवार्य है। इतना ही नहीं, बल्कि जो व्यक्ति प्रतिदिन तुलसी का सेवन करता है, उसका शरीर अनेक चंद्रायण व्रतों के फल के समान पवित्रता प्राप्त कर लेता है।
जल में तुलसीदल (पत्ते) डालकर स्नान करना तीर्थों में स्नान कर पवित्र होने जैसा है और जो व्यक्ति ऐसा करता है वह सभी यज्ञों में बैठने का अधिकारी होता है। यह वास्तु दोष भी दूर करने में सक्षम है।
प्रतिदिन तुलसी का पूजन करना और पौधे में जल अर्पित करना हमारी प्राचीन परंपरा है। जिस घर में प्रतिदिन तुलसी की पूजा होती है, वहां सुख-समृद्धि, सौभाग्य बना रहता है। धन की कभी कोई कमी महसूस नहीं होती। अत: हमें विशेष तौर पर प्रतिदिन तुलसी का पूजन अवश्य करना चाहिए।
घर के आंगन में तुलसी का पौधा हो तो घर का कलह और अशांति दूर होती है। घर-परिवार पर मां लक्ष्मी जी की विशेष कृपा बनी रहती है। प्रतिदिन दही के साथ चीनी और तुलसी के पत्तों का सेवन करना बहुत शुभ माना जाता है।
पौराणिक शास्त्रों के अनुसार तुलसी के पत्तों के सेवन से भी देवी-देवताओं की विशेष कृपा प्राप्त होती है। दही के साथ तुलसी का सेवन करने से कई प्रकार के आयुर्वेदिक लाभ भी प्राप्त होते हैं। जैसे- दिनभर कार्य में मन लगा रहता है, मानसिक तनाव नहीं रहता, शरीर हमेशा ऊर्जावान बना रहता है।
बीमार या बच्चों को नजर लग जाए तो तुलसी का निम्न उपाय करने पर लाभ प्राप्त होता है।
तुलसी का उपाय....
* सबसे पहले तुलसी के 7 पत्ते (तुलसीदल) और 7 काली मिर्च अपनी मुट्ठी में लें।
* इसके बाद जिसकी नजर उतारना है उसे लेटा कर उस बंद मुट्ठी से उक्त व्यक्ति के सिर से पैर तक ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम: मंत्र बोलकर 21 बार उतार लें। तत्पश्चात काली मिर्च पीड़ित व्यक्ति को चबाने के लिए दें और तुलसी के पत्तों को हाथ से मसलकर निगलने को दें।