शनि 24 जनवरी को आएंगे मकर राशि में, जानिए क्या होगा आपके साथ?
ज्योतिष शस्त्र के अनुसार 9 ग्रहों में शनि को न्यायाधीश माना गया है। शनि ही हमारे अच्छे और बुरे कर्मों का हिसाब-किताब रखते हैं। शनि 24 जनवरी, शुक्रवार को धनु से मकर राशि में प्रवेश करेंगे। ये ग्रह एक राशि में करीब ढाई साल रुकते हैं। इस बार शनि वक्री होकर अपनी राशि नहीं बदलेंगे यानी पूरे साल ये ग्रह मकर राशि में ही रहेंगे। शनि सोमवार, 11 मई को वक्री होंगे और मंगलवार, 29 सितंबर को फिर से मार्गी हो जाएंगे।
शनि की साढ़ेसाती
शनि के राशि बदलने से 24 जनवरी के बाद वृश्चिक राशि की साढ़ेसाती खत्म हो जाएगी। वृषभ और कन्या राशि की ढैया खत्म हो जाएगी। मकर राशि में शनि का प्रवेश होने से कुंभ राशि पर साढ़ेसाती शुरू हो जाएगी। इस राशि पर साढ़ेसाती का पहला ढैया रहेगा। मकर राशि पर दूसरा और धनु राशि पर अंतिम ढैया रहेगा। मिथुन और तुला राशि पर शनि का ढैया शुरू हो जाएगा।
धनु, मकर और कुंभ राशि पर साढ़ेसाती का असर कैसा होगा?
• धनु राशि-
धनु राशि वालों के लिए शनि इस समय लग्न भाव में गोचर कर रहा है। धनु राशि पर साढ़ेसाती का प्रभाव पहले से ही है लेकिन साल 2020 में शनि इस राशि के दूसरे भाव में गोचर करेगा। दूसरा भाव धन भाव कहलाता है। धनु राशि के जातकों को इस समय में धन लाभ हो सकता है। लेकिन इनका अपने स्वास्थ्य पर अधिक खर्च हो सकता है।
धनु राशि के लोगों को इस समय भवन आदि के निर्माण में परेशानी उत्पन्न होगी। इस राशि के लोगों को इस समय अपनी माता के स्वास्थ्य पर भी अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है। लाभ के लिए भी इस राशि के लोगों को अधिक मेहनत की करनी पड़ेगी। धन-संपत्ति में बढ़ोतरी भी हो सकती है।
• मकर राशि-
मकर राशि वालों के लिए शनि इस समय 12वें भाव में गोचर कर रहा है। मकर राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव पहले से ही है। लेकिन साल 2020 में शनि इसी राशि में गोचर कर रहा है जिसके अनुसार शनि मकर राशि के पहले भाव यानी लग्न भाव में गोचर करेगा।
इस राशि वालों के लिए शनि की साढ़ेसाती का दूसरा चरण शुरू होगा जिसके अनुसार इन लोगों का अपने छोटे भाई-बहनों से मतभेद हो सकता है। जीवनसाथी का स्वास्थ्य भी इस समय में खराब हो सकता है और जीवनसाथी के साथ कलह भी रह सकती है। कार्यक्षेत्र में अधिक मेहनत करने की आवश्यकता पड़ेगी। जल्दबाजी में कोई काम न करें।
• कुंभ राशि-
कुंभ राशि के लिए शनि इस समय 11वें भाव में गोचर कर रहा है। लेकिन साल 2020 में शनि इन राशि वालों के 12वें भाव में गोचर करेगा जिसके अनुसार कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव शुरू हो जाएगा। शनि की साढ़ेसाती के प्रभाव से इस राशि के वालों के खर्चों में अधिकता होगी।
इस राशि के लोगों की आर्थिक स्थिति भी इस समय में खराब हो सकती है, वहीं इन्हें शत्रु भी अधिक परेशान कर सकते हैं और इन्हें नौकरी में भी अधिक समस्या उत्पन्न हो सकती है। भाग्य का साथ इस समय इस राशि वालों को बिलकुल भी नहीं मिलेगा। इस समय कुंभ राशि वालों को संयम से काम लेने की आवश्यकता है। परिश्रम करते जाएंगे तो सफलता भी मिलती जाएगी।
• मिथुन और तुला राशियों पर ढैया का असर कैसा होगा?
• मिथुन राशि- 24 जनवरी के बाद इस राशि पर शनि का ढैया शुरू हो रहा है। मिथुन राशि वालों के लिए शनि इस समय 7वें भाव में गोचर कर रहा है। लेकिन साल 2020 में शनि इस राशि वालों के 8वें भाव में गोचर करेगा। 8वें भाव को मृत्यु का भाव भी कहा जाता है।
शनि के इस राशि में आने से इन लोगों पर अष्टम की ढैया प्रारंभ हो जाएगी जिसके अनुसार इस राशि वालों की वाणी में कटुता आ जाएगी जिसकी वजह इस राशि को लोगों के बनते-बनते काम बिगड़ सकते हैं, वहीं शनि कार्यक्षेत्र में मिथुन राशि के जातकों को अधिक मेहनत करनी पड़ेगी। अपने उच्च अधिकारियों से इस समय इनका झगड़ा हो सकता है। इस समय इन लोगों में गुस्से की अधिकता बढ़ सकती है।
• तुला राशि-
तुला राशि के लिए शनि इस समय तीसरे भाव में गोचर कर रहा है। लेकिन साल 2020 में शनि इस राशि वालों के लिए चौथे भाव में गोचर करेगा। चौथे भाव में शनि के गोचर से इन राशि के जातकों पर चतुर्थ की ढैया प्रारंभ हो जाएगी।
शनि के गोचर के कारण इस राशि के लोगों को कोई पुराना रोग फिर से परेशान कर सकता है। इन लोगों को इस समय में इनके शत्रु भी अधिक परेशान करेंगे। तुला राशि के लोगों पर इस समय काम का बोझ अत्यधिक रहेगा जिसकी वजह से ये अधिक तनाव महसूस करेंगे। भूमि-भवन से संबंधित कामों में लाभ मिलने के योग हैं।
• शेष राशियों के लिए कैसा रहेगा शनि का असर?
शेष 7 राशियों के लिए शनि का असर अलग-अलग रहेगा। मेष, वृषभ, कर्क, कन्या व वृश्चिक राशि के लिए शनि की स्थिति शुभ रहेगी। इन लोगों को शनि की वजह से लाभ मिल सकता है। सिंह और मीन राशि के लोगों को सावधान होकर काम करना होगा अन्यथा हानि हो सकती है।
• शनि के लिए कौन-कौन से उपाय?
यह उपाय केवल 1 बार करें। किसी शनिवार रात्रि में नीले कपड़े में काला तिल, उड़द, शीशा, कड़वा तेल शीशी तथा कुछ किले रखकर अपने सिर से 7 बार उतारकर शनि मंदिर के पुजारी को दान करके पीपल वृक्ष पर दीपक प्रज्वलित कर दें।
प्रत्येक शनिवार 1 दीपक पीपल वृक्ष पर प्रज्वलित करते रहें।
हनुमान चालीसा का पाठ करें।
शनि के मंत्र 'ॐ शं शनैश्चराय नम:' मंत्र का जाप करें।
मंत्र जाप हर शनिवार कम से कम 108 बार करें।
प्रतिकूल परिस्थितियों में किसी जानकार astrologer से सलाह अवश्य लें।