क्या आत्मा बुलाई जा सकती है, जानिए क्या है प्लेनचिट

अनिरुद्ध जोशी
मंगलवार, 21 जुलाई 2020 (07:15 IST)
हम आपको बता दें कि यह बातें स‌िर्फ मान्यताओं पर आधारित है ज‌िन पर लोग परंपरागत तौर पर यकीन करते आए हैं। इनका कोई वैज्ञान‌िक आधार नहीं है। यह अंधविश्वास भी हो सकता है। आत्माओं के होने या नहीं होने के बारे में सदियों से विवाद जारी है। अधिकतर उनका अस्तित्व मानते हैं और कुछ नहीं मानते। इसी तरह प्राचीन सभ्यताओं के काल से ही आत्माओं को बुला कर उनके माध्यम से अपने जीवन की समस्याओं के हल का प्रचलन रहा है।
 
 
प्लेनचिट से बुलाते हैं आत्मा : आत्म को बुलाने की विद्या को आजकल प्लेनचिट कहा जाता है। यह आत्माओं को बुलाने का विज्ञान है। प्राचीन काल से ही यह कार्य किया जाता रहा है। कुछ आत्माएं जिन्हें शांति प्राप्त नहीं हुई है, वे प्लेनचिट के माध्यम से आपको भूत, भविष्य एवं वर्तमान तीनों कालों की जानकारी दे सकती हैं। आप उनसे अपनी परेशानी का हल प्राप्त कर सकते हैं। हालांकि कहा जाता है कि इसमें खतरे बहुत है। हालांकि इसमें कितनी सचाई है यह हम नहीं जानते। वर्तमान में पश्चिम देशों में में यह विद्या बहुत प्रचलित है।

 
प्लेनचिट बोर्ड : एक तीसरा तरीका है प्लेनचिट बोर्ड का। दिल के आकार का दिखने वाला लकड़ी का यह टुकड़ा आत्मा को बुलाने का नया तरीका है। इसमें पीछे की ओर सभी ओर घूमने वाले पहिए लगे होते हैं। इसकी नोक की तरफ एक छेद होता है जिसमें एक पेंसिल लगा दी जाती है। मेज पर एक सादा कागज रखकर उसके ऊपर इस यंत्र को रखा जाता है। इसके बाद जिस आत्मा को बुलाना होता है उसका आह्‍वान किया जाता है। जैसे ही आत्मा आती है यह यंत्र अपने आप चलने लगता है। यंत्र में लगे पेंसिल से आत्मा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर देने लगती है। इसे प्लेनचिट कहते हैं।
 
उइजा बोर्ड : पहला तरीका है उइजा बोर्ड। कहते हैं कि इस बोर्ड के माध्यम से आत्मा का आह्‍वान कर उनसे परीक्षा के प्रश्न पत्र की जानकारी ली जा सकती है। उनसे आप अपना भविष्य या किसी गढ़े धन के बारे में पूछ सकते हो। इसके अलावा आप उन्हें अपने जीवन की परेशानी बताकर उसका हल भी जान सकते हैं।
 
उइजा बोर्ड कैसे बनाएं: एक लकड़ी के बोड पर एक तरफ अंग्रेजी या हिन्दी के अक्क्षर लिख लें और दूसरी तरफ अंक लिख लें। ऊपर हां और ना लिख दें। बीच में एक गोला बनाएं और उस पर एक कटोरी को उल्टा रख लें। फिर कमरे के किसी कोने में अगरबत्ती जला लें। फिर तीन या पांच लोग मिलकर उस कटोरी पर अपनी अंगुली रखकर किसी आत्मा का आह्‍वान करें। जब आत्मा आ जाती है यह कटोरी अपने आप ही चलने लगती है। जो भी पूछा जाता है कटोरी धीरे-धीरे चलकर अंक या अक्षरों पर पहुंचकर जबाब देती है। जैसे उससे उसका नाम पूछा गया तो वह कटोरी चलकर अंग्रेजी या हिन्दी में लिखे अक्षरों को ढांकती जाएगी। जैसे रावण है तो पहले वह R पर, फिर A पर फिर V पर फिर A पर और अंत में N पर जाएगी।
 
आत्मा को वापस भेजने के लिए उसको बार-बार धन्यवाद देकर कहा जाता है कि अब आप आपस चले जाएं। आपने जो हमारे लिए किया उसके लिए हम कृतज्ञ हैं।
 
चेतावनी : यह लेख सिर्फ जानकारी हेतु है, जैसाकि समाज में प्रचलित है। यह अंधविश्‍वास की श्रेणी में आता है और हो सकता है कि यह आपके लिए खतरनाक भी हो। इसे सिर्फ कुतूहलवश नहीं करना चाहिए।
 
 

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