ज्योतिष में नवग्रह का बहुत महत्व है। कुंडली में अगर ग्रहों का अशुभ प्रभाव या ग्रहदोष हो तो यामल तंत्र में दिया गया 'नवग्रह-कवच' का पाठ बहुत लाभदायी सिद्ध होगा।
इसका प्रतिदिन श्रद्धापूर्वक पाठ करने से जीवन में चमत्कारिक लाभ प्राप्त होता है, साथ ही यह कवच हर प्रकार की परेशानी, शत्रु बाधा तथा स्वास्थ्य लाभ देने वाला माना गया है। आइए पढ़ें चमत्कारिक नवग्रह कवच :-
पवित्र नवग्रह कवच
ॐ शिरो मे पातु मार्तण्ड: कपालं रोहिणीपति:। मुखमङ्गारक: पातु कण्ठं च शशिनन्दन:।।
बुद्धिं जीव: सदा पातु हृदयं भृगुनन्दन:। जठरं च शनि: पातु जिह्वां मे दितिनन्दन:।।
पादौ केतु: सदा पातु वारा: सर्वाङ्गमेव च। तिथयोऽष्टौ दिश: पान्तु नक्षत्राणि वपु: सदा।।
अंसौ राशि: सदा पातु योगश्च स्थैर्यमेव च। सुचिरायु: सुखी पुत्री युद्धे च विजयी भवेत्।।
रोगात्प्रमुच्यते रोगी बन्धो मुच्येत बन्धनात्। श्रियं च लभते नित्यं रिष्टिस्तस्य न जायते।।
य: करे धारयेन्नित्यं तस्य रिष्टिर्न जायते।। पठनात् कवचस्यास्य सर्वपापात् प्रमुच्यते।
मृतवत्सा च या नारी काकवन्ध्या च या भवेत्। जीववत्सा पुत्रवती भवत्येव न संशय:।।
एतां रक्षां पठेद् यस्तु अङ्ग स्पृष्ट्वापि वा पठेत्।।
इस चमत्कारी नवग्रह कवच को ताबीज में रखकर भुजा में धारण करके भी लाभ प्राप्त किया जा सकता है।