* प्रेत शांति के सरल चमत्कारी मंत्र जानिए
धार्मिक पुराणों एवं ज्योतिष के अनुसार अगर आपकी जन्मकुंडली में पितृ दोष हो तो उसकी शांति के लिए श्रीकृष्ण-मुखामृत गीता का पाठ करना चाहिए। प्रेत शांति व पितृ दोष निवारण के लिए भी श्रीकृष्ण चरित्र की कथा, श्रीमद्भागवत महापुराण का पाठ पौराणिक विद्वान ब्राह्मणों से करवाना चाहिए। इतना ही नहीं जो लोग ग्रहों के अशुभ प्रभाव और पितृ दोष के कारण दिन-रात परेशान रहते हैं उन्हें निम्न मंत्रों का जाप अवश्य करना चाहिए। आइए जानें...
पढ़ें ये चमत्कारी मंत्र -
* भगवान श्रीकृष्ण का मूलमंत्र, जिसे द्वादशाक्षर मंत्र कहते हैं -
मंत्र- नमो भगवते वासुदेवाय।
* शारीरिक ऊर्जा, मानसिक शांति और आध्यात्मिक शक्ति प्राप्त करने के लिए प्रतिदिन प्रात: या सायं 16 बार इस मंत्र का जप करना चाहिए -
मंत्र- हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे/ हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे।।
* ग्रह शांति एवं सभी ग्रहों द्वारा किए जा रहे सर्वविध उपद्रव शमनार्थ निम्न मंत्र की 1008 आहुतियां देनी चाहिए।
मंत्र- ॐ नमो भगवते वासुदेवाय।
यह मंत्र प्राय: सभी ग्रहों की शांति के लिए उपयोग में लाया जाता है।
विनियोग : अस्य श्रीद्वादशाक्षर श्रीकृष्णमंत्रस्य नारद ऋषि गायत्रीछंदः श्रीकृष्णोदेवता, बीजं नमः शक्ति, सर्वार्थसिद्धये जपे विनियोगः ध्यान: चिन्ताश्म युक्त निजदोः परिरब्ध कान्तमालिंगितं सजलनैन करेण पत्न्या। ऋष्यादि न्यास पंचांग न्यास नारदाय ऋषभे नमः शिरसि। हृदयाय नमः। गायत्रीछन्दसे नमःमुखे। नमो शिरसे स्वाहा। श्री कृष्ण देवतायै नमः, हृदि भगवते शिखायै वषट्। बीजाय नमः गुह्ये। वासुदेवाय कवचाय हुम्। नमः शक्तये नमः, पादयोः। नमो भगवते वासुदेवाय अस्त्राय फट्।'
उपरोक्त सभी मंत्र चमत्कारिक है। ये मंत्र आपके कुंडली में बैठे ग्रहों के अशुभ प्रभाव को कम करके आपको जीवन के सभी सुख देने में सहायक रहेंगे।