हर वर्ष की तरह रक्षाबंधन शुक्ल पक्ष श्रावण मास की पूर्णिमा तिथि को है। नए कैलेंडर के अनुसार यह पर्व सोमवार, 7 अगस्त 2017 को आ रहा है। इस बार विशेष यह है कि खंडग्रास चन्द्रग्रहण रात्रि 10 बजकर 53 मिनट पर लगेगा तथा मोक्ष 12 बजकर 48 मिनट पर होगा। अत: सूतक दिन के 2 बजे से लगेगा। त्योहार दिन के 2 बजे के पूर्व ही मनाया जाएगा या दूसरे दिन पूर्णिमा 3.15 बजे अपराह्न तक है, तब मनाया जा सकता है।
तंत्र-मंत्र की सिद्धि के लिए इससे अच्छा समय दूसरा नहीं होगा, अत: अवसर का लाभ उठाएं। जिन्हें जन्म पत्रिका में ग्रहण दोष हो, वे चन्दग्रहण शांति के लिए दुग्ध धारा द्वारा रुद्राभिषेक करवा सकते हैं। ग्रहण काल में मंत्रों की सिद्धि विशेष रूप से की जाती है। लक्ष्मी प्राप्ति, रोग नाश, शत्रु नाश आदि के लिए ग्रहण में मंत्र जाप कर लाभ उठा सकते हैं। मंत्र निम्न प्रकार करें-
1. सुख, समृद्धि और वैभव के लिए ग्रहण में यक्षिणी सिद्धि करें। यक्षिणी सिद्धि के लिए कोई सा भी मंत्र करें तथा धनदा यक्षिणी के लिए 'घं श्रीं ह्रीं रतिप्रिये स्वाहा' स्फटिक माला से मंत्र जप करें। मात्र जप ही यथेष्ट है।
2. लक्ष्मी प्राप्ति के लिए- कमल गट्टे की माला से 'ॐ ऐं ह्रीं श्री महालक्ष्म्यै नम:'
3. 'ॐ श्री वित्तेश्वराय नम:' का जप करें।
4. घर में आए दिन सामान की कमी का सामना करना पड़ता हो तो स्फटिक की माला से 'ॐ ह्रीं श्रीं आं ऐं लक्ष्मी स्वाहा' जपें।
5. व्यापार-व्यवसाय की वृद्धि के लिए 'ॐ नमो ह्रीं श्रीं क्रीं श्रीं क्लीं श्रीं लक्ष्मी मम गृहे धन चिंता दूर करोति स्वाहा' जपें।
6. अथाह संपत्ति प्राप्त करने के लिए 'ॐ श्रीं त्रिभुवन स्वामिनी महादेवी महालक्ष्मी ल ल ल ल हं ह: महाप्रभुत्वमर्थ कुरु कुरु ह्रीं नम:' जपें।
7. सर्व रक्षार्थे बटुक भैरव मंत्र 'ॐ ह्रीं बटुकाय आपदुद्धारणाय कुरु कुरु बटुकाय ह्रीं ॐ' जपें।
विशेष : ग्रहण के 10 मिनट पूर्व से 10 मिनट बाद तक जपें, सिद्धि निश्चित ही प्राप्त होगी। इति:।