श्रीगणेश की विशेष मंत्रों से पूजा अत्यंत फलदायी मानी गई है। गणेश गायत्री मंत्र का शांत मन से लगातार 11 दिन तक 108 बार जप करने से गणेशजी की विशिष्ट कृपा होती है।
गणेश गायत्री मंत्र के जप से व्यक्ति का भाग्य चमक जाता है और हर कार्य अनुकूल सिद्ध होने लगता है। जानिए, प्रतिदिन अथवा बुधवार को कैसे और किन विशेष मंत्रों से श्रीगणेश की पूजा करें-
- सुबह सूर्योदय से पहले जागें और स्नान करें।
- घर या देवालय में पीले वस्त्र पहन श्री गणेश की पूजा सिंदूर, दूर्वा, गंध, अक्षत, अबीर, गुलाल, सुंगधित फूल, जनेऊ, सुपारी, पान, मौसमी फल व भोग में लड्डू अर्पित करें।
- पूजा के बाद पीले आसन पर बैठ नीचे लिखे अचूक श्री गणेश मंत्र से पूजन संपन्न करें।
गणेश गायत्री मंत्र -
एकदंताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
महाकर्णाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
गजाननाय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्।।
इस तरह की गई श्रीगणेश की पूजा विघ्न और संकटों से बचाकर जीवन के हर सपने व इच्छाओं को पूरा करने वाली मानी गई है।