मात्र 31 बार कीलक स्तोत्र के निम्नलिखित मंत्र का जप करने से आश्चर्यजनक रूप से मन की शांति का आभास होता है और विचारों में सकारात्मकता आती है। लेकिन शर्त यही है कि पहले गणेशजी के किसी भी सरल मंत्र की एक माला (108 बार मंत्र जाप) करें। तत्पश्चात इस मंत्र को पूर्ण एकाग्र होकर जपें।
जब तक आंखें बंद करने पर कोई एक विशेष रंग नजर ना आने लग जाए मन को ध्यानस्थ ना मानें। जब मन एक बिंदु पर आकर स्थिर हो जाए तब मंत्र का 31 बार जाप करें और स्वयं देखें चमत्कार।
श्रीगणेश मंत्र- 'ॐ गं गणपतये नमः'
कीलक स्तोत्र का मंत्र-
'ॐ विशुद्धज्ञान देहाय त्रिवेदी दिव्य चक्षुषे।
श्रेय: प्राप्तिनिमित्ताय नम: सोमार्ध धारिणे।।'
यह मंत्र ज्ञान, भक्ति, शांति, मोक्ष तथा जीवन में सकारात्मकता प्राप्त करने में प्रभावशाली असर देता है।