Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
webdunia

आप नहीं जानते होंगे दान देने के ये 9 खास नियम...

Advertiesment
हमें फॉलो करें आप नहीं जानते होंगे दान देने के ये 9 खास नियम...
* इन नियमों के अनुसार देंगे दान नहीं होगा अनिष्ट 
 
 


-ज्योतिषाचार्य प्रणयन एम. पाठक
 
1. दान देने वाला पूर्वाभिमुखी होकर दान दे और लेने वाला उत्तराभिमुखी होकर उसे ग्रहण करे, ऐसा करने से दान देने वाले की आयु बढ़ती है और लेने वाले की भी आयु क्षीण नहीं होती। 
 
2. स्वयं जाकर दिया हुआ दान उत्तम एवं घर बुलाकर दिया हुआ दान मध्यम फलदायी होता है। गौओं, ब्राह्मणों तथा रोगियों को जब कुछ दिया जाता हो, उस समय जो न देने की सलाह देता हो वह दु:ख भोगता है।

 
3. तिल, कुश, जल और चावल इनको हाथ में लेकर दान देना चाहिए अन्यथा उस दान पर दैत्य अधिकार कर लेते हैं। पितरों को तिल के साथ तथा देवताओं को चावल के साथ दान देना चाहिए, परंतु जल व कुश का संबंध सर्वत्र रखना चाहिए।
 
4. मनुष्य को अपने द्वारा न्यायपूर्वक अर्जित किए हुए धन का 10वां भाग ईश्वर की प्रसन्नता के लिए किसी सत्कर्मों में लगाना चाहिए। जो मनुष्य अपने स्त्री, पुत्र एवं परिवार को दुःखी करके दान देता है वह दान जीवित रहते हुए भी एवं मरने के बाद भी दुःखदायी होता है।

 
5. अन्न, जल, घोड़ा, गाय, वस्त्र, शैया, छत्र और आसन इन 8 वस्तुओं का दान मृत्यु उपरांत के कष्टों को नष्ट करता है।
 
6. गाय, घर, वस्त्र, शैया तथा कन्या इनका दान एक ही व्यक्ति को करना चाहिए। रोगी की सेवा करना, देवताओं का पूजन, ब्राह्मणों के पैर धोना गौदान के समान है।
 
7. गाय, स्वर्ण, चांदी, रत्न, विद्या, तिल, कन्या, हाथी, घोड़ा, शैया, वस्त्र, भूमि, अन्न, दूध, छत्र तथा आवश्यक सामग्री सहित घर- इन 16 वस्तुओं के दान को महादान कहते हैं।
 
8. विद्याहीन ब्राह्मणों को दान नहीं लेना चाहिए, लेने से ब्राह्मण की हानि होती है।
 
9. दीन, अंधे, निर्धन, अनाथ, गूंगे, जड़, विकलांगों तथा रोगी मनुष्य की सेवा के लिए जो धन दिया जाता है उसका महान पुण्य होता है। 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

इन 10 हिन्दू मंदिरों को तोड़ा था मुस्लिम आक्रांताओं ने