पुरुषोत्तम मास महापुण्यकारी है तुलसी का पूजन, पढ़ें ये मंत्र भी...
हमारे पौराणिक ग्रंथों में तुलसी का बहुत महत्व माना गया है। अभी पुरुषोत्तम मास चल रहा है और हिंदू धर्म में यह महीना बहुत ही पूजनीय माना जाता है।
16 मई से 13 जून तक चलने वाले और ज्येष्ठ महीने में आए इस अधिक मास को ही पुरुषोत्तम मास कहा जाता है। इस महीने में मुरली मनोहर श्रीकृष्ण, भगवान श्रीहरि विष्णु की पूजा होती है तथा श्रीमद्भगवतगीता का पाठ करने का विशेष विधान है।
हिंदू धर्म के अनुसार इस महीने में तुलसी की पूजा करने का खासा महत्व माना गया है। इस पुरुषोत्तम मास के दौरान तुलसी के नित्य दर्शन के साथ-साथ ही निम्न मंत्रों का जाप करना फलदायी और महापुण्यकारी रहता है। आइए जानें तुलसी पूजन के विशेष मंत्र...
* तुलसी स्तुति का मंत्र
देवी त्वं निर्मिता पूर्वमर्चितासि मुनीश्वरैः
नमो नमस्ते तुलसी पापं हर हरिप्रिये।।
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तुलसी पूजन का मंत्र
* तुलसी पूजन के बाद बोलने का तुलसी मंत्र
तुलसी श्रीर्महालक्ष्मीर्विद्याविद्या यशस्विनी।
धर्म्या धर्मानना देवी देवीदेवमन: प्रिया।।
लभते सुतरां भक्तिमन्ते विष्णुपदं लभेत्।
तुलसी भूर्महालक्ष्मी: पद्मिनी श्रीर्हरप्रिया।।
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* तुलसी के पत्ते तोड़ते समय बोलने के मंत्र
- ॐ सुभद्राय नमः
- ॐ सुप्रभाय नमः
- मातस्तुलसि गोविन्द हृदयानन्द कारिणी
नारायणस्य पूजार्थं चिनोमि त्वां नमोस्तुते ।।
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तुलसी को जल देने का मंत्र....
* तुलसी को जल देने का मंत्र
महाप्रसाद जननी, सर्व सौभाग्यवर्धिनी
आधि व्याधि हरा नित्यं, तुलसी त्वं नमोस्तुते।।
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