जिन जातकों को शनि की साढ़ेसाती व ढैया चल रहा है, वे मानसिक शांति, सुरक्षा तथा भाग्योन्नति करना चाहते हैं तो उन्हें शनि मंत्र, शनि स्त्रोत, शनि वज्रपिंजर कवच तथा महाकाल शनि मृत्युंजय स्त्रोत का का पाठ करने से लाभ होता है।
इन मंत्रों से ढैया व साढ़ेसाती में मिलेगा लाभ-
1. शनि का प्रिय मंत्र- ॐ शं शनैश्चराय नमः
2. शनि का पौराणिक मंत्र- ॐ नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्। छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।
3. शनि मंत्र- ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये। शंयोरभिश्रवन्तु नः। ॐ शं शनैश्चराय नमः। इस मंत्र का 21 दिन में 23 हजार जप करें।
4. महामृत्युंजय मंत्र- ॐ त्र्यम्बकम् यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्द्धनं उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्। इस मंत्र का सवा लाख जप यानी नित्य 10 माला, 125 दिन करें।
उपाय-
1. शनिवार के दिन उड़द, तिल, तेल, गु़ड का लड्डू बना कर जहां हल न चला हो वहां गाड़ देने से भी लाभ मिलता है।
2. दोनों समय भोजन में काला नमक और काली मिर्च का प्रयोग करें।
इसके साथ ही वो सामान्य जातक जिन्हें ढैया अथवा साढ़ेसाती नहीं है, वे शनि कृपा प्राप्ति के लिए विकलांगों के आश्रम में भोजन तथा अस्पतालों में जाकर रोगियों को ब्रेड एवं बिस्किट का वितरण करें।