Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

देवगुरु बृहस्पति : पढ़ें 10 विशेष बातें

हमें फॉलो करें देवगुरु बृहस्पति : पढ़ें 10 विशेष बातें
1 . देवगुरु बृहस्पति महर्षि अंगिरा के पुत्र और देवताओं के पुरोहित हैं। 
2 . इन्होंने प्रभास तीर्थ में भगवान शंकरजी की कठोर तपस्या की थी जिससे प्रसन्न होकर प्रभु ने उन्हें देवगुरु का पद प्राप्त करने का वर दिया था। 
 
3 . इनका वर्ण पीला है तथा ये पीले वस्त्र धारण करते हैं। 
 
4 . यह कमल के आसन पर विराजमान हैं तथा इनके चार हाथों में क्रमश:- दंड, रुद्राक्ष की माला, पात्र और वरमुद्रा सुशोभित हैं। 
 
5 . इनका वाहन रथ है जो सोने का बना हुआ है और सूर्य के समान प्रकाशमान है। 
 
6 . उसमें वायुगति वाले पीले रंग के आठ घोड़े जुते हुए हैं। 
 
7. इनका आवास स्वर्ण निर्मित है। 
 
8. ये अपने भक्तों पर प्रसन्न होकर उन्हें सम्पत्ति तथा बुद्धि प्रदान कर उन्हें सन्मार्ग पर चलाते हैं और विपत्तियों में उनकी रक्षा करते हैं। शरणागतवत्सलता इनमें कूट-कूट कर भरी है। 
 
9. इनकी तीन पत्नियां हैं। पहली पत्नी शुभा से सात कन्याएं उत्पन्न हुई हैं। दूसरी पत्नी तारा से सात पुत्र तथा एक कन्या है तथा तीसरी पत्नी ममता से दो पुत्र, भरद्वाज और कच हुए हैं। कच ने ही दैत्य गुरु शुक्राचार्य से मृतसंजीवनी विद्या सीख कर देवताओं की मदद की थी। 
 
10. बृहस्पति प्रत्येक राशि में एक-एक साल तक रहते हैं। वक्रगति होने पर अंतर आ जाता है। इनकी महादशा सोलह साल की होती है। ये मीन और धनु राशि के स्वामी हैं।इनका सामान्य मंत्र है : ॐ बृं बृहस्पतये नम:” एक निश्चित समय और संख्या में श्रद्धानुसार इसका जप करना चाहिये। जाप का समय संध्या काल है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

बृहस्पति कैसे जन्मे, पढ़ें गुरु ग्रह की उत्पत्ति की कहानी