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शनि की राशि मकर में षड्ग्रही और पंचग्रही योग, क्या युद्ध से होगी दुनिया तबाह

हमें फॉलो करें शनि की राशि मकर में षड्ग्रही और पंचग्रही योग, क्या युद्ध से होगी दुनिया तबाह
, गुरुवार, 24 फ़रवरी 2022 (13:38 IST)
पंचग्रही योग और युद्ध : इस वक्त मकर राशि में शनि, बुध विराजमान है। सूर्य और बृहस्पति ग्रह कुंभ राशि में, मंगल और शुक्र ग्रह धनु राशि में, चंद्र वृश्‍चिक राशि में, राहु वृषभ में और केतु वृश्‍चिक राशि में मौजूद है।
 27 फरवरी को मंगल और 28 फरवरी को शुक्र और चंद्र मकर राशि में प्रवेश करके पंचग्रही योग बनाएंगे। यह योग 1 मार्च की शाम तक बना रहेगा फिर चंद्र निकलकर कुंभ में प्रवेश करेंगे तब मकर राशि में चतुग्रही योग कई दिनों तक बना रहेगा। पंचग्रही योग 27 फरवरी से 10 मार्च तक प्रभावी रहेगा।
 
 
षड्ग्रही और पंचग्रही ज्योतिषि योग से होगा क्या भयानक युद्ध (Astrology Shadgrahi Panchagrahi yoga and War)
 
ज्योतिष की मान्यता है कि जब भी किसी राशि में चार से अधिक ग्रह एक साथ एकत्रित होते हैं तो धरती पर तूफान, आंधि, जलवायु परिवर्तन के साथ ही जनता में विद्रोह भड़कता है और दो देशों में आपसी युद्ध होता है। पूरे माह 5 ग्रहों के गोचर के साथ ही मकर में 4 ग्रहों की युति से केदार योग का निर्माण भी हो रहा है। इसी राशि में षड्ग्रही योग योग भी बन रहा है। पंचग्रही और षड्ग्रही योग से देश दुनिया में बहुत उथल-पुथल मचती है।
 
षड्ग्रही योग में होते हैं युद्ध : जब भी षड्ग्रही योग बनता है तो उसके पहले से ही युद्ध के हालात पैदा हो जाते हैं। जनवरी माह की शुरुआत में मकर राशि में शनि और बृहस्पति विराजमान थे। यहां सूर्य और शुक्र का प्रवेश भी मकर राशि में होने से मकर राशि में चतुर्ग्रही योग बना। फिर 5 फरवरी को वक्री बुध का भी इसमें प्रवेश हुआ। इसके बाद 9 फरवरी को रात चन्द्रमा भी मकर राशि में प्रवेश कर गए। इससे मकर राशि में एकसाथ छह ग्रह शनि, बृहस्पति, सूर्य, शुक्र, बुध एवं चन्द्रमा ने मिलकर षड्ग्रही योग बनाया जिसके चलते देश और दुनिया के हालात बदल गए और अब पंचग्रही योग बनने वाला है। मकर राशि में मंगल और शनि का साथ में होना युद्ध की स्थिति को जन्म देता है।
 
 
'षड वैग्रहा: ध्वन्ति समस्त भुपान'... 
 
कुछ ऐसे ही योग के कारण वर्ष 1962 में भारत और चीन के बीच युद्ध हुआ था। उस दौरान पहले पंचग्रही योग बने थे उसके बाद छह ग्रह एक साथ एक ही राशि में विराजमान थे। अब इसी तरह के योग 2022 में भी बने हैं जिसके चलते यूक्रेन और रूस के बीच युद्ध शुरू हो गया है।
 
पंचग्रही योग : पंचग्रही योग 27 फरवरी से 10 मार्च तक प्रभावी रहेगा। मकर तथा कुंभ राशियां शनि ग्रह से संचालित हैं। कुंभ में जहां गुरु ग्रह है वही मकर में मंगल ग्रह है। अत: यह दोनों ही ग्रह वर्तमान में शनि की राशि में स्थिति है। शनि और मंगल की युति युद्ध को जन्म देती है। मकर में शनि के साथ मंगल, शुक्र और बुध रहेंगे। चंद्र और शनि भी आपसी शत्रु हैं। मंगल और शुक्र भी आपसी दुश्मन है। मकर राशि का कर्म भाव मुख्‍य भाव है। ऐसे में यह भाव संघर्ष, तनाव और युद्ध का भाव बनकर रह गया है, क्योंकि यहां पर आपस में शत्रु ग्रहों का जमावड़ा हो चला है।
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Kalsarp yoga
इन ग्रह योगों से राजनीतिक उथल पुथल बढ़ जाएगी। कई जगहों पर सत्ता परिवर्तन होगा। मौसम में अचानक से गर्मी बढ़ जाएगी। महंगाई आसमान को छूएगी और लोगों में असंतोष की भावना फैल जाएगी। मार्च में यह योग प्रबल रहेंगे इसके बाद अप्रैल माह में नौ ग्रह एक साथ अपनी राशि परिवर्तन करेंगे।
 
 
कालसर्प योग : वर्ष की शुरुआत काल सर्प योग में हुई थी। वर्तमान में 27 जनवरी से कालसर्प योग पुन: प्रारंभ हो गया है जो रविवार, 24 अप्रैल 2022 तक रहेगा। अर्श से फर्श पर और फर्श से अर्श तक की पोजीशन बनेगी अर्थात अचानक से कुछ लोगों का जीवन चमक जाएगा और कुछ का सबकुछ खत्म हो जाएगा। यही है कालसर्प योग का कमाल।

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