Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

भरणी नक्षत्र क्या है, कैसा होता है इस नक्षत्र में जन्मा जातक, जानें खास बातें...

हमें फॉलो करें भरणी नक्षत्र क्या है, कैसा होता है इस नक्षत्र में जन्मा जातक, जानें खास बातें...
* भरणी नक्षत्र में जन्मे साहसी और रसिकमिजाज होते हैं 
- प्रस्तुति : शतायु
 
ज्योतिष में सारे नक्षत्रों का नामकरण 0 डिग्री से लेकर 360 डिग्री तक इस प्रकार किया गया है- अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, अश्लेषा, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, चित्रा, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, ज्येष्ठा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वा भाद्रपद, उत्तरा भाद्रपद और रेवती। 28वां नक्षत्र अभिजीत है। आइए जानते हैं, भरणी नक्षत्र में जन्मे जातक कैसे होते हैं?
 
भरणी नक्षत्र आकाश मंडल में दूसरा नक्षत्र है। 'भरणी' का अर्थ 'धारक' होता है। दक्ष प्रजापति की एक पुत्री का नाम भरणी है जिसका विवाह चंद्रमा से हुआ था। उसी के नाम पर इन नक्षत्र का नामकरण किया गया है। भरणी नक्षत्र में यम का व्रत और पूजन किया जाता है।
 
* भरणी नक्षत्र : यदि आपका जन्म भरणी नक्षत्र में हुआ है तो आपकी राशि मेष है जिसका स्वामी मंगल है, लेकिन नक्षत्र का स्वामी शुक्र है। इस तरह आप पर मंगल और शुक्र का प्रभाव जीवनभर रहेगा। मंगल जहां ऊर्जा, साहस व महत्वाकांक्षा देगा वहीं शुक्र कला, सौंदर्य, धन व सेक्स का कारण बनेगा है। अवकहड़ा चक्र के अनुसार वर्ण क्षत्रिय, वश्य चतुष्पद, योनि गज, महावैर योनि सिंह, गण मानव तथा नाड़ी मध्य हैं।
 
भरणी नक्षत्र की खास बातें :- 
 
* प्रतीक चिन्ह : त्रिकोण
* रंग : लाल
* भाग्यशाली अक्षर : ल
* वृक्ष : युग्म वृक्ष 
* राशि स्वामी : मंगल
* नक्षत्र स्वामी : शुक्र
* देवता : यम
* शारीरिक गठन : मध्यम कदकाठी, लंबी गर्दन और सुंदर आंखें। यदि गर्दन छोटी है तो चेहर गोल।
* भौतिक सुख : व्यक्तित्व पर निर्भर रहेगा सुख, भाग्यशाली, भवन और वाहन का मालिक।
 
भरणी नक्षत्र का नकारात्मक पक्ष : यदि मंगल और शुक्र की जन्म कुंडली में स्थिति खराब है तो ऐसा व्यक्ति क्रूर, सदा अपयश का भागी, दूसरे की स्त्री में अनुरक्त, विनोद में समय व्यतीत करने वाला, जल से डरने वाला, चपल, निंदित तथा बुरे स्वभाव वाला होता है। ऐसा जातक बुद्धिमान होने के बावजूद निम्न स्तर के लोगों के मध्य रहने वाला, विरोधियों को नीचा दिखाने वाला, मदिरा अथवा रसीले पदार्थों का शौकीन, रोग बाधा से अधिकतर मुक्त रहने वाला, चतुर, प्रसन्नचित तथा उन्नति का आकांक्षी होता है। उसके इस स्वभाव से स्त्री और धन का सुख मिलने की कोई गारंटी नहीं।
 
भरणी नक्षत्र का सकारात्मक पक्ष : भरणी नक्षत्र में जन्म होने से जातक सत्य वक्ता, उत्तम विचार, वचनबद्ध, रोगरहित, धार्मिक कार्यों के प्रति रुचि रखने वाला, साहसी, प्रेरणादायक, चित्रकारी एवं फोटोग्राफी में अभिरुचि रखने वाला होता है। अपना उद्देश्य अंतिम रूप से प्राप्त करने में समर्थ व्यक्ति। 33 साल की उम्र के बाद एक सकारात्मक मोड़।


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

28 सितंबर को भरणी नक्षत्र, अगर मृत परिवारजन जीवन में नहीं कर पाया है कोई भी तीर्थयात्रा, तो अवश्‍य करें भरणी श्राद्ध