आज आपका दिन मंगलमयी रहे, यही शुभकामना है। 'वेबदुनिया' प्रस्तुत कर रही है खास आपके लिए सप्ताह के 7 दिन के विशिष्ट मुहूर्त। अगर आप इन 7 दिनों में वाहन खरीदने का विचार कर रहे हैं या कोई नया व्यापार आरंभ करने जा रहे हैं तो इस शुभ मुहूर्त में ही कार्य करें ताकि आपके कार्य सफलतापूर्वक संपन्न हो सकें।
ज्योतिष एवं धर्म की दृष्टि से इन मुहूर्तों का विशेष महत्व है। मुहूर्त और चौघड़िए के आधार पर 'वेबदुनिया' आपके लिए इस सप्ताह के अंतर्गत आनेवाले प्रतिदिन के खास मुहूर्त की सौगात लेकर आई है।
बुधवार, 3 जुलाई 2019 के शुभ मुहूर्त
शुभ विक्रम संवत- 2076, अयन- दक्षिणायन, मास- आषाढ़, पक्ष- शुक्ल, हिजरी सन्- 1440, मु. मास- शव्वाल, तारीख- 29।
संवत्सर का नाम : परिधावी।
ऋतु : वर्षा।
दिवस तिथि- प्रतिपदा।
दिवस नक्षत्र- आर्द्रा (प्रात: 6.55 तक पश्चात पुनर्वसु)।
दिशाशूल- उत्तर एवं ईशान।
शुभ समय- सुबह 6.00 से 9.00 तथा 10.30 से दोपहर 12.00 बजे तक। सायं 4.30 से 6.00 बजे तक।
सुझाव- घर से निकलने से पहले गणेशजी को (गुड़-धनिया) भोग लगाकर निकलें, सफलता मिलेगी।
गुरुवार, 4 जुलाई 2019 के शुभ मुहूर्त
शुभ विक्रम संवत- 2076, हिजरी सन्- 1440, अयन- दक्षिणायन, मास- आषाढ़, पक्ष- शुक्ल, संवत्सर का नाम- परिधावी, ऋतु- वर्षा, तिथि- द्वितीया, दिवस नक्षत्र- पुष्य।
शुभ योग- सर्वार्थ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग, गुरु पुष्य योग।
दिशाशूल- दक्षिण, आग्नेय कोण।
शुभ समय- प्रात:- 6.00 से 7.30 एवं 10.30 से 3.00 तक, सायं- 4.30 से 6.00 तक।
सुझाव- आज का दिन बहुत शुभ है अत: प्रात: स्नान कर उत्तर दिशा की ओर मुंह करके गणेशजी एवं ऋद्धि- सिद्धि माता का ध्यान करें।
गणेशजी को गुड़ या गुड़ के मिष्ठान्न का भोग लगाएं एवं कोई भी महत्वपूर्ण कार्य करें।
शुक्रवार, 5 जुलाई 2019 के शुभ मुहूर्त
शुभ विक्रम संवत 2076, अयन- दक्षिणायन, मास- आषाढ़, पक्ष- शुक्ल, तिथि- तृतीया, हिजरी सन्- 1440, मु. मास- जिल्काद। संवत्सर नाम- परिधावी। ऋतु- वर्षा।
दिवस नक्षत्र- आश्लेषा।
दिशाशूल- पश्चिम, नैऋत्य।
शुभ समय- प्रात: 6.00 से 10.30 तक, दोपहर 12.00 से 1.30 तक, सायं 4.30 से 6.00 तक।
सुझाव- सायं 4.00 से 8.00 बजे के बीच में किसी भी समय। 2 से 6 वर्ष उम्र के बीच की कन्या को कुमकुम का तिलक लगाएं एवं कोई भी मीठी वस्तु उस कन्या को दें, लक्ष्मीजी की कृपा आप पर अवश्य होगी।
शनिवार, 6 जुलाई 2019 के शुभ मुहूर्त
शुभ विक्रम संवत- 2076, हिजरी सन्- 1440, अयन- दक्षिणायन, मास- आषाढ़, पक्ष- शुक्ल, मु. मास- जिल्काद, संवत्सर नाम- परिधावी, ऋतु- वर्षा, तिथि- चतुर्थी।
दिवस नक्षत्र- मघा।
दिशाशूल- पूर्व, ईशान।
शुभ समय- प्रात: 7.30 से 9.00 तक, दोपहर 12.00 से 4.30 तक।
सुझाव- आज के दिन सायंकाल में सूर्यास्त पश्चात पीपल के पेड़ के नीचे मिट्टी के दीपक में सरसों का तेल एवं उसी दीपक में साबुत उड़द के 8 दाने डालकर दीपक लगाएं एवं पीपल के वृक्ष को प्रणाम कर अपनी मनोकामना प्रार्थना करें, सफलता मिलेगी।
रविवार, 7 जुलाई 2019 के शुभ मुहूर्त
शुभ विक्रम संवत 2076, अयन- दक्षिणायन, मास- आषाढ़, पक्ष- शुक्ल, हिजरी सन्- 1440, मु. मास- जिल्काद, संवत्सर नाम- परिधावी, ऋतु- वर्षा, तिथि- प्रतिपदा।
दिवस नक्षत्र- पूर्वा फाल्गुनी रात्रि 8.13 तक पश्चात उत्तरा फाल्गुनी।
दिशाशूल- पश्चिम, नैऋत्य।
शुभ समय- प्रात: 7.30 से 12.00 तक तथा दोपहर 1.30 से 3.00 बजे तक।
सुझाव- आज प्रात: स्नान कर तांबे के लोटे में शुद्ध जल, तीर्थ जल, चावल, लाल फूल, लाल चंदन व इत्र डालकर पूर्व दिशा में मुख करके गायत्री मंत्र बोलते हुए सूर्यदेव को किसी गमले में अर्घ्य प्रदान करें। नीचे गिरे जल को नेत्रों से लगाएं। इससे आंखों की ज्योति अच्छी रहती है एवं नवग्रह अनुकूल रहते हैं।
सोमवार, 8 जुलाई 2019 के शुभ मुहूर्त
शुभ विक्रम संवत्- 2076, हिजरी सन् 1440, अयन- दक्षिणायन, मास- आषाढ़, पक्ष- शुक्ल, तिथि- षष्ठी, सप्तमी, मु. मास- जिल्काद, संवत्सर का नाम- परिधावी, ऋतु- वर्षा।
दिवस नक्षत्र- उत्तरा फाल्गुनी।
दिशाशूल- पूर्व, आग्नेय।
शुभ समय- प्रात. 6.00 से 7.30 तक, 9.00 से 10.30 तक, दोपहर 1.30 से 6.00 तक।
उपाय- आज प्रात: स्नान कर शुद्ध वस्त्र धारण करें। आसन बिछाकर ईशान कोण (पूर्व-उत्तर) में मुंह करके ध्यान की मुद्रा में बैठें एवं आंख बंद करके दोनों आंखों के मध्य में ध्यान केंद्रित कर 3 या 5 बार देर तक 'ॐ' का उच्चारण करें। मन शांत रहेगा एवं कार्य सफल होंगे।
मंगलवार, 9 जुलाई 2019 के शुभ मुहूर्त
शुभ विक्रम संवत्- 2076, हिजरी सन्- 1940, अयन- दक्षिणायन, मास- आषाढ़, पक्ष- शुक्ल, मु. मास- जिल्काद।
संवत्सर नाम- परिधावी।
ऋतु- वर्षा।
तिथि- अष्टमी।
दिवस नक्षत्र- हस्त (सायं 5.14 तक, पश्चात चित्रा नक्षत्र)।
दिशाशूल- उत्तर एवं वायव्य।
शुभ समय प्रात: 9.00 बजे से दोपहर 1.30 तक दोपहर 3.00 से 4.30 तक।
सुझाव- प्रात:काल स्नान करके माता दुर्गा की फोटो या मूर्ति के सिर पर रक्त चंदन का तिलक लगाएं एवं वही तिलक अपने सिर पर थोड़ा-सा स्वयं लगा लें एवं हलवे के प्रसाद का माता दुर्गाजी को भोग लगाएं और वह प्रसाद ग्रहण करें एवं अपनी मनोकामना माताजी से प्रार्थना करें। इससे दरिद्रता दूर होती है एवं धन-ऐश्वर्य की प्राप्ति होगी।