उपलक मणि धारण करने से पति-पत्नी के मनमुटाव होंगे दूर

Webdunia
बुधवार, 24 मार्च 2021 (17:54 IST)
आपने पारस मणि, नागमणि, कौस्तुभ मणि, चंद्रकांता मणि, नीलमणि, स्यमंतक मणि, स्फटिक मणि आदि का नाम तो सुना ही होगा, परंतु ही यहां निम्नलिखित नौ मणियों की बात कर रहे हैं- घृत मणि, तैल मणि, भीष्मक मणि, उपलक मणि, स्फटिक मणि, पारस मणि, उलूक मणि, लाजावर्त मणि, मासर मणि। आओ जानते हैं कि उपलक मणि को धारण करने से क्या होता है। हालांकि यह सभी बातें मान्यता पर आधारित हैं।

 
1. उपलक मणि को उपल, रत्नोपल भी कहते हैं। अंग्रेजी में इसे ओपल कहते हैं। हालांकि ओपल अलग रत्न होता है। मुख्य उपलक शहद के रंग के समान होता है जबकि उसी का रत्न उपल या ओपर दूधिया रंग का होता है। 
 
2. यह मणि शहद के समान तथा विभिन्न रंगों वाली होती है। इसके उपर पीले, नीले, सफेद और हरे रंग के दाग पाए जाते हैं। यह एक पारदर्शी पत्‍थर है।
 
3. कहते हैं कि इसे धारण करने से पति पत्नी के बीच के विवाद समाप्त हो जाते हैं। 
 
4. तुला, वृषभ, लग्न वाले जातक या जिसकी कुंडली में शुक्र अशुभ या कम बल वाला होता है, उसे दूधिया रंग रत्न धारण करना चाहिए।
 
5. जिसकी जन्म राशि तुला या वृषभ हो वह जातक ओपल रत्न धारण कर सकता है।
 
6. यह रत्न कई तरह के रोग में भी लाभदायक होता है जैसे मानसिक तनाव, अवसाद, आलस्य, हार्मोनल स्राव, गुर्दे के रोग आदि। हालांकि कितने रत्नी का पहनना चाहिए यह ज्योतिष से जरूर पूछ लें।
 
7. यह रत्न आकर्षण शक्ति बढ़ाता है। कला से जुड़े लोगों को यह रत्न पहनना चाहिए।
 
8. इसे तेल, जल अथा दूध में डाला जाए तो इसकी चमक अधिक आती है।
 
9. कहते हैं कि इस मणि के पूजन के 5 दिनों के अंदर बारिश होने पर अच्छी फसल की पैदावार होती है। 10 दिनों के अंदर बारिश होने से अन्न का भाव सस्ता होता है। 5 या 10 दिनों तक लगातार बारिश होने से अन्न का भाव महंगा रहता है। 20 दिनों तक लगातार बारिश होने से अकाल पड़ता है तथा 25 दिनों तक बारिश होने से मानव समाज पर भयंकर आपदा का संकेत माना जाता है।
 
10. उपलक मणि या ओपल रत्न को किसी जानकार ज्योतिष से पूछकर ही धारण करें क्योंकि यह नुकसान भी पहुंचा सकता है। 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

तुलसी विवाह देव उठनी एकादशी के दिन या कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन करते हैं?

Akshay Amla Navami 2024: अक्षय नवमी कब है? जानें पौराणिक महत्व

Tulsi vivah 2024: देवउठनी एकादशी पर तुलसी के साथ शालिग्राम का विवाह क्यों करते हैं?

Dev uthani ekadashi 2024: देव उठनी एकादशी की 3 पौराणिक कथाएं

Tulsi vivah 2024: तुलसी विवाह पूजा की विधि स्टेप बाय स्टेप में, 25 काम की बातें भी जानिए

सभी देखें

नवीनतम

Saptahik Muhurat 2024: नए सप्ताह के सर्वश्रेष्ठ शुभ मुहूर्त, जानें साप्ताहिक पंचांग 11 से 17 नवंबर

Aaj Ka Rashifal: किन राशियों के लिए उत्साहवर्धक रहेगा आज का दिन, पढ़ें 10 नवंबर का राशिफल

10 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

10 नवंबर 2024, रविवार के शुभ मुहूर्त

Dev uthani gyaras 2024 date: देवउठनी देवोत्थान एकादशी व्रत और पूजा विधि

अगला लेख
More