आपने पारस मणि, नागमणि, कौस्तुभ मणि, चंद्रकांता मणि, नीलमणि, स्यमंतक मणि, स्फटिक मणि आदि का नाम तो सुना ही होगा, परंतु ही यहां निम्नलिखित नौ मणियों की बात कर रहे हैं- घृत मणि, तैल मणि, भीष्मक मणि, उपलक मणि, स्फटिक मणि, पारस मणि, उलूक मणि, लाजावर्त मणि, मासर मणि। आओ जानते हैं कि मासर मणि को धारण करने से क्या होता है। हालांकि यह सभी बातें मान्यता पर आधारित हैं।
1. मासर मणि को अंग्रेजी में एमनी कहते हैं।
2. मासर मणि हकीक के समान होती है तथा इसका रंग श्वेत, लाल, पीला व काला चार प्रकार का होता है तथा ये पंकज पुष्प की तरह चमकदार व स्निग्ध होती है।
3. यह मणि दो तरह की होती है। अग्नि मासर और जलवर्ण मासर।
4. अग्नि मासर के बारे में कहते हैं कि यदि अग्निवर्ण वाली मासर मणि में धागे को लपेटकर आग में डाल दिया जाए तो धागा नहीं जलता है।
5. जलवर्ण मासर के बार में कहते हैं कि जलवर्ण वाली मासर मणि को यदि जल मिश्रित दूध में डाल दिया जाए तो दूध व पानी अलग-अलग हो जाते हैं।
6. मान्यता है कि अग्नि वर्ण वाली मासरमणि को धारण करने से व्यक्ति आग में नहीं जलता तथा जलवर्ण वाली मासर मणि को धारण करने से व्यक्ति जल में नहीं डूबता।
7. मासर मणि के प्रभाव के कारण भूत, प्रेत, चोर, शत्रु आदि का भी भय नहीं रहता है।
8. मासर मणि धारण करने से तुरंत ही परेशानियों का अंत हो जाता है और सभी प्रकार के सुख प्राप्त होते हैं।
9. इस मणि को धारण करने से भाग्य का पूरा सहयोग मिलता है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
10. इसे पहनने से जीवन में अपार खुशियां आती हैं आप किसी भी कार्य में सफल हो सकते हैं।