सोने की चेन, अंगूठी, कड़ा पहनना प्रचलन में है। लोग इसे क्यों पहनते हैं? क्या वह खुद को धनवान सिद्ध करना चाहते हैं या कि उन्हें किसी ज्योतिष ने सोना पहनने की सलाह दी है। आओ जानते हैं कि इस संबंध में ज्योतिष की मान्यता क्या है। यह आलेख मान्यता और जनश्रुति पर आधारित है।
सोना पहनने के ज्योतिष नियम-
1. आपका लग्न मेष, कर्क, सिंह और धनु है तो आपके लिए सोना धारण करना उत्तम होगा।
2. वृषभ, मिथुन, कन्या और कुंभ लग्न के लिए सोना धारण करना उत्तम नहीं होता है।
3. तुला और मकर लग्न के लोगों को सोना कम ही पहनना चाहिए।
4. वृश्चिक और मीन लग्न के लोगों के लिए सोना पहनना मध्यम है।
5. जिनकी कुंडली में बृहस्पति खराब हो या किसी भी प्रकार से दूषित हो ऐसे लोगों को भी सोने के प्रयोग से बचना चाहिए।
6.पैरों में सोने की बिछियां या पायल नहीं पहनना चाहिए क्योंकि यह बहुत ही पवित्र धातु है। यह बृहस्पति की धातु है। पैरों में पहनने से दांपत्य जीवन में परेशानी आती है।
7.यदि आपने सोना धारण कर रखा है तो आप शराब और मांसाहार का सेवन न करें। ऐसा करने से आप समस्याओं से घिर सकते हैं। सोना बृहस्पति की पवित्र धातु है और इसकी पवित्रता बनाए रखना जरूरी है।
8.गले में सोना पहने का अर्थ है कि आपका बृहस्पति ग्रह कुंडली के लग्न भाव में बैठ जाएगा या वहां का असर देगा।
9. हाथ में सोना पहनने का अर्थ है कि आपके पराक्रम अर्थात तीसरे भाव में बृहस्पति सक्रिय भूमिका में रहेगा।
10.जो लोग लौहे का, कोयले का या शनि संबंधित किसी धातु का व्यापार करते हों उनको भी सोना धारण नहीं करना चाहिए।
11.ईशान या नैऋत्य कोण में सोने को लाल कपड़े में बांधकर रखें। इससे बृहस्पति को मंगल की सहायता मिलने लगेगी और आपकी समृद्धि बढ़ती जाएगी।
12. सोने के साथ नकली आभूषण या लौहा न रखें। कुछ लोग सिक्के रख देते हैं तो यह भी उचित नहीं। ऐसा करने से बृहस्पति अशुभ होकर अपना शुभ प्रभाव देना छोड़ देता है।
सेहत से जुड़ी मान्यता-
1.सोना एक गर्म धातु है और चांदी ठंडी। अब आपको यह देखना होगा कि आपकी तासीर कैसी है। यदि गर्म है तो सोना पहनने से आपको सेहत की समस्या हो सकती है।
2. कमर में सोना धारण नहीं करना चाहिए क्योंकि इससे आपका पाचन तंत्र खराब हो सकता है। पेट के अलावा गर्भाशय, यूट्रस आदि संबंधी समस्याएं भी हो सकती है।
3.जिन लोगों को पेट या मोटापे की समस्या हो उनको सोना धारण नहीं करना चाहिए।
4.जो लोग बहुत क्रोधी, वाचाल और व्यग्र (अधैर्य) हैं उनको सोना धारण नहीं करना चाहिए।
5.जो महिलाएं गर्भवती हैं और जो महिलाएं वृद्ध हैं उनको भी सोना धारण नहीं करना चाहिए। थोड़ा बहुत सोना पहन सकते हैं लेकिन ज्यादा सोना पहनने से समस्याएं शुरू हो सकती है।
6.सोने को सोते वक्त सिरहाने न रखें। बहुत से लोग अपनी अंगुठी या चैन निकालकर तकिये के नीचे रख देते हैं। इससे नींद संबंधी समस्या तो होगी ही साथ अन्य समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती है।
7.अगर सर्दी जुकाम या सांस की बीमारी हो तो कनिष्ठा अंगुली में सोना धारण करें।
8.यदि आप दुबले हैं तो आपको सोना पहनना चाहिए।
9. सोना धारण करने से गले, कान, हाथ, पैर और छाती का दर्द समाप्त हो जाता है।
10.सोना बाएं हाथ में नहीं पहनना चाहिए। बाएं हाथ में तभी पहने जब विशेष आवश्यकता हो। बाएं हाथ में सोना पहनने से परेशानियां शुरू हो सकती है।
अन्य मान्यता-
*सोना धारण करन से सम्मान और राज पक्ष से सहयोग मिलता है।
*एकाग्रता चाहते हैं तो तर्जनी अंगुली में सोना पहने।
*दांपत्य जीवन को खुशहाल बनाना चाहते हैं तो गले में सोने की चैन पहनें।
*यदि संतान नहीं हो रही है तो अनामिका अंगुली में सोना धारण करना चाहिए।
*सोना ऊर्जा और गर्मी दोनों ही पैदा करता है साथ ही यह विष के प्रभाव को दूर भी करता है।
*कहते हैं कि सोना सोने को अपनी ओर आकर्षीत करता है इसलिए गले में सोना धारण करें।
नोट- सोना धारण करना है या नहीं यह किसी जानकार ज्योतिष से पूछकर ही धारण करना चाहिए।