बहुत से लोग मोतियों की माला या चांदी में मोती की अंगुठी पहनने हैं। ज्योतिष में मोती का संबंध चंद्रमा और शुक्र से है। यह शरीर के जल तत्व और कफ को नियंत्रित करते हैं। आओ जानते हैं कि मोती पहनने के क्या फायदे हैं और किसे पहनना चाहिए और किसे नहीं।
मोती पहनने के लाभ-
1. ऐसा कहा जाता है कि गोल आकार का मोती उत्तम प्रकार का होता है। गोल आकार का पीले रंग का मोती हो तो ऐसा मोती धारण करने से धारणकर्ता विद्वान होता है।
2. मोती आकार में लंबा तथा गोल हो एवं उसके मध्य भाग में आकाश के रंग जैसा वलयाकार, अर्द्ध चंद्राकार चिह्न हो तो ऐसा मोती धारण करने से धारणकर्ता को उत्तम पुत्र की प्राप्ति होती है।
3. मोती यदि आकार में एक ओर अणीदार हो तथा दूसरी ओर से चपटा हो तथा उसका रंग सहज आकाश के रंग की तरह हो तो ऐसा मोती धारण करने से धारणकर्ता के धन में वृद्धि होती है।
4. मोती के प्रयोग से मन मजबूत और दिमाग तेज होता है। साथ ही चंद्रमा की समस्याओं को शांत किया जा सकता है। इसके पहनने से मन में सकारात्मक विचार उत्पन्न होते हैं।
ये राशि वाले पहनें मोती :
1. मेष, कर्क, वृश्चिक और मीन लग्न के लिए मोती धारण करना लाभदायक है।
2. सिंह, तुला और धनु लग्न वालों को विशेष दशाओं में ही मोती धारण करने की सलाह दी जाती है।
3. बाकी की राशि वालों को मोती नहीं पहनना चाहिए।
इस स्थिति में मोती पहनें-
- नीच राशि (वृश्चिक) में हो तो मोती पहनें।
- चंद्रमा की महादशा होने पर मोती अवश्य पहनें।
- चंद्रमा राहु या केतु की युति में हो तो मोती पहनें।
- चंद्रमा पाप ग्रहों की दृष्टि में हो तो मोती पहनें।
- 6, 8, या 12 भाव में चंद्रमा हो तो मोती पहनें।
- चंद्रमा क्षीण हो या सूर्य के साथ हो तो भी मोती पहनें।
- चंद्रमा क्षीण हो, कृष्ण पक्ष का जन्म हो तो भी मोती पहनें।
कैसे धारण करें मोती को?
मोती को चांदी की अंगूठी में कनिष्ठा अंगुली में शुक्ल पक्ष के सोमवार की रात्रि को धारण करते हैं। कुछ लोग इसे पूर्णिमा को भी धारण करने की सलाह देते हैं। इसे गंगाजल से धोकर, शिवजी को अर्पित करने के बाद ही धारण करें।