Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

चौघड़िया किसे कहते हैं, बहुत खास है यह जानकारी ...

हमें फॉलो करें चौघड़िया किसे कहते हैं, बहुत खास है यह जानकारी ...
जब कोई मुहूर्त नहीं निकल रहा हो और किसी कार्य को शीघ्रता से आरंभ करना हो अथवा यात्रा पर जाना हो तो उसके लिए चौघड़िया मुहूर्त देखकर कार्य करना या यात्रा करना उत्तम होता है। 
 
दिन और रात के आठ-आठ हिस्से का एक चौघड़िया होता है। यानी 12 घंटे का दिन और 12 घंटे की रात में प्रत्येक 1.30 मिनट का एक चौघड़िया होता है। चौघड़िया सूर्योदय से प्रारंभ होता है। सात चौघड़ियों के बाद पहला चौघड़िया ही आठवाँ चौघड़िया होता है। सात वारों के चौघड़िए अलग-अलग होते हैं। 
 
यहां देखें चौघड़िया
 
सामान्य रूप से श्रेष्ठ चौघड़िए शुभ, चंचल, अमृत और लाभ के माने जाते हैं। उद्वेग, रोग और काल को नेष्ट माना जाता है। दिन और रात के आठ-आठ हिस्से का एक चौघड़िया होता है। यानी 12 घंटे का दिन और 12 घंटे की रात में प्रत्येक 1.30 मिनट का एक चौघड़िया होता है। चौघड़िया सूर्योदय से प्रारंभ होता है।
 
प्रत्येक चौघड़िए का ग्रह स्वामी होता है जो उस समय में बलप्रधान माना जाता है। उद्वेग का रवि, चंचल का शुक्र, लाभ का बुध, अमृत का चंद्र, काल का शनि, शुभ का गुरु, रोग का मंगल ग्रह स्वामी है। 
 
कोई लोहे या तेल से संबंधित व्यापार शुरू कर रहा हो तो उसके लिए शनि के प्रभाव वाला काल का चौघड़िया उत्तम फलदायी सिद्ध हो सकता है। उसी तरह किसी व्यक्ति को पूर्व दिशा में यात्रा करनी है और वह अमृत के चौघड़िए में यात्रा प्रारंभ करता है वह उसके लिए नुकसानदायी सिद्ध होगा कारण अमृत चौघड़िया का स्वामी चंद्र है और चंद्र पूर्व दिशा में दिशाशूल का कारक है जो परेशानी और बाधाएँ देता है। जिस चौघड़िए का स्वामी जिस दिशा में दिशाशूल का कारक हो उस दिशा में यात्रा करना वर्जित माना गया है। 
 
कुछ बातों को छोड़ दें तो सामान्य रूप से चौघड़िया मुहूर्त उत्तम और अभीष्ट फलदायक होते हैं।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

अखंड सौभाग्य चाहिए तो अवश्य पढ़ें सावित्री और सत्यवान की यह कथा