Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

कैसे करें वर्षभर के हर माह की गणेश चतुर्थी का पूजन, क्या करें दान जानिए...

हमें फॉलो करें कैसे करें वर्षभर के हर माह की गणेश चतुर्थी का पूजन, क्या करें दान जानिए...
* चतुर्थी के दिन ऐसे करें श्रीगणेश का पूजन, करें ये दान... 
 
हर माह आनेवाली चतुर्थी के दिन श्रीगणेश का पूजन कर ब्राह्मणों तथा गरीबों को भोजन कराने तथा अपने सामर्थ्य के अनुसार दान करना चाहिए। उसके बाद स्वयं भोजन करना चाहिए। इस दिन गणेशजी का व्रत-पूजन करने से धन-धान्य, आरोग्य तथा समस्त परेशानियों से मुक्ति मिलती है।
 
1. चै‍त्र माह की चतुर्थी पर गणेश पूजन व्रत कर ब्राह्मण को सुवर्ण की दक्षिणा देने का विधान है।

 
2. वैशाख माह में 'संकर्षण' गणेश का पूजन कर शंख, वस्त्र, दक्षिणा देने का विधान है।
 
3. ज्येष्ठ माह में प्रद्युम्नरूपी गणेश का व्रत-पूजन कर फल-शाक-मूली दान दें।
 
4. आषाढ़ मास में अनिरुद्धरूपी गणेश का पूजा-व्रत कर संन्यासियों को तूंबी इत्यादि देने का विधान है। इस दिन का बड़ा महत्व शास्त्रों में बतलाया गया है।
 
5. श्रावण मास में स्वर्ण के गणेश बनवाकर सोने की दूर्वा ही चढ़ाएं। इस प्रकार पांच वर्ष तक व्रत-पूजन कर अभीष्ट प्राप्ति होती है। 
 
6. भाद्रपद (भादौ) माह में सिद्धिविनायक की पूजा होती है। गौदान का महत्व है। इक्कीस पत्तों को चढ़ाने का महत्व है। शमी पत्र, भंगरेया, बिल्वपत्र, दूर्वादल, बेर, धतूरा, तुलसी, सेम, अपामार्ग, भटकटैया, सिन्दूर का पत्ता, तेजपात, अगस्त्य, कनेर, कदलीफल का पत्ता, आक, अर्जुन, देवदारू, मरुआ, गांधारी पत्र तथा केतकी का पत्ता- इस प्रकार 21 प्रकार के पत्ते 'ॐ गं गणपतये नम:' कहकर चढ़ाने तथा व्रत-पूजन करने से भोग में लड्डू तथा समस्त सामग्री आचार्य को दान करने से (5 वर्ष तक) लौकिक तथा पारलौकिक सुख प्राप्त होते हैं।

 
7. आश्विन चतुर्थी को पूजन कर पुरुष सूक्त द्वारा अभिषेक निर्देशित है।

 
8. कार्तिक शुक्ल चतुर्थी करवाचौथ के नाम से जानी जाती है। यह स्त्रियों द्वारा विशेष किया जाने वाला व्रत है। दस करवे गजानन को समर्पित कर बाद में उसे लोगों में बांट दें। बारह या सोलह वर्ष तक करने का विधान है जिससे स्त्री अखंड सौभाग्यशाली बन जाती है। चंद्रमा को अर्घ्य प्रदान करना चाहिए।
 
9. मार्गशीर्ष या अगहन चतुर्थी से किया जाने वाला व्रत अत्यंत कठिन तथा लगातार चार वर्ष तक चलने वाला है। स्कंद पुराण में इसका उल्लेख है।
 
10. पौष माघ की चतुर्थी पर विघ्नेश्वर का व्रत-पूजन कर दान-दक्षिणा देने से धन का अभाव नहीं रहता है।
 
11. माघ मास में गजमुख गणेश का पूजन कर तिल के लड्डू चढ़ाने का विधान है। इसमें पार्थिव गणेश के पूजन का विशेष महत्व है। गणेशजी को अर्घ्य प्रदान करने से वे अत्यंत प्रसन्न होते हैं। अर्घ्य में लाल चंदन, पुष्प, दूर्वा, अक्षत, शमीपत्र, दही और जल मिलाकर देना चाहिए।

 
12. फाल्गुन मास में दुण्डिराज गणेश का पूजन होता है। बारह मास शुक्ल चतुर्थी व्रत कर दान-दक्षिणा देने से परम कारुणिक गणेश देव समस्त कामनाओं की पूर्ति कर जन्म-जरा-मृत्यु के पाश नष्ट कर अंत में अपने दिव्य लोक में स्थान दे देते हैं।


- पं. उमेश दीक्षित

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

1 फरवरी 2018 का राशिफल और उपाय...