Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

पुत्रदा एकादशी 2021: 24 जनवरी को Putrada Ekadashi, जानें महत्व, शुभ मुहूर्त एवं व्रत-पूजन

हमें फॉलो करें पुत्रदा एकादशी 2021: 24 जनवरी को Putrada Ekadashi, जानें महत्व, शुभ मुहूर्त एवं व्रत-पूजन
Ekadashi 2021
 
पुत्रदा एकादशी व्रत इस साल 24 जनवरी 2021, रविवार को मनाया जा रहा है। हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रतिवर्ष पौष मास के शुक्ल पक्ष में आने वाली एकादशी को पुत्रदा एकादशी के नाम से जाना जाता है। माना जाता है कि इस चर और अचर संसार में पुत्रदा एकादशी के व्रत के समान दूसरा कोई व्रत नहीं है। इस व्रत के नाम के अनुसार ही इसका फल है।
 
जिन व्यक्तियों को संतान होने में बाधाएं आती हैं या जिन्हें पुत्र प्राप्ति की कामना हो उन्हें पुत्रदा एकादशी व्रत अवश्‍य करना चाहिए। यह व्रत बहुत ही शुभ फलदायक होता है इसलिए संतान प्राप्ति के इच्छुक व्यक्ति को यह व्रत रखना चाहिए जिससे कि उसे मनोवांछित फल की प्राप्ति हो सके।
 
आइए जानें कैसे करें पुत्रदा एकादशी व्रत-
 
* पुत्रदा एकादशी का व्रत करने वाले व्यक्ति को एक दिन पहले ही अर्थात् दशमी तिथि की रात्रि से ही व्रत के नियमों का पूर्ण रूप से पालन करना चाहिए। दशमी के दिन शाम में सूर्यास्त के बाद भोजन ग्रहण नहीं करना चाहिए और रात्रि में भगवान विष्णु का ध्यान करते हुए सोना चाहिए।
 
* सुबह सूर्योदय से पहले उठकर नित्य क्रिया से निवृत्त होकर स्नान करके शुद्ध व स्वच्छ धुले हुए वस्त्र धारण करके श्रीहरि विष्‍णु का ध्यान करना चाहिए।
 
* अगर आपके पास गंगाजल है तो पानी में गंगा जल डालकर नहाना चाहिए।
 
* इस पूजा के लिए श्रीहरि विष्णु की फोटो के सामने दीपक जलाकर व्रत का संकल्प लेने के बाद कलश की स्थापना करनी चाहिए।
 
* फिर कलश को लाल वस्त्र से बांधकर उसकी पूजा करें।
 
* भगवान श्रीहरि विष्णु की प्रतिमा रखकर उसे स्नानादि से शुद्ध करके नया वस्त्र पहनाएं।
 
* तत्पश्चात धूप-दीप आदि से विधिवत भगवान श्रीहरि विष्णु की पूजा-अर्चना तथा आरती करें तथा नैवेद्य और फलों का भोग लगाकर प्रसाद वितरण करें।
 
* श्रीहरि विष्णु को अपने सामर्थ्य के अनुसार फल-फूल, नारियल, पान, सुपारी, लौंग, बेर, आंवला आदि अर्पित किए जाते हैं।
 
* एकादशी की रात में भगवान का भजन-कीर्तन करना चाहिए।
 
* पूरे दिन निराहार रहकर संध्या समय में कथा आदि सुनने के पश्चात फलाहार किया जाता है।
 
* दूसरे दिन ब्राह्मणों को भोजन तथा दान-दक्षिणा अवश्य देनी चाहिए, उसके बाद पारणा करना चाहिए।
 
* इस दिन दीपदान करने का बहुत महत्व है।
 
* इस व्रत के पुण्य से मनुष्य तपस्वी, विद्वान होता है, तथा पुत्र प्राप्ति होकर अपार धन-लक्ष्मी को प्राप्त करता है।
 
पुत्रदा एकादशी व्रत-पूजन का शुभ मुहूर्त 
 
एकादशी व्रत का प्रारंभ- शनिवार, 23 जनवरी को रात्रि 8.56 मिनट से होकर व्रत की समाप्ति रविवार, 24 जनवरी को रात्रि 10.57 मिनट पर होगी। 
 
एकादशी व्रत पारण का समय- सोमवार, 25 जनवरी को सुबह 7.13 मिनट से 9.21 मिनट तक रहेगा।

ALSO READ: Putrada Ekadashi 2021 : पुत्रदा एकादशी की यह व्रतकथा देगी शूरवीर, सुयोग्य संतान का आशीष


Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

13 अखाड़ों में से उदासीन संप्रदाय के 3 अखाड़े, जानिए परिचय