- पं. अशोक पंवार 'मयंक'
गोरे-गोरे मुखड़े पर काला-काला तिल चेहरे की सुंदरता में अभिवृद्धि कर देता है। तिल जहां आपकी सुंदरता में चार चांद लगा देता है, वहीं यह कामुकता का प्रतीक भी बन जाता है।
शरीर के अंगों पर स्थित काले तिल के अलग-अलग स्थानों पर अलग-अलग परिणाम होते हैं। तिल काला व कत्थई रंग का होता है, काले तिल का गाल पर होना या ऊपरी अधर पर होना जहां सुंदरता में चार चांद लगा देता है, वहीं यही कामुकता का प्रतीक भी बन जाता है। ऊपरी अधर पर तिल उस जातक को कामुक के साथ सुंदर, आकर्षक बनाने वाला होता है, इसी प्रकार निचले होंठ पर तिल दरिद्रता का सूचक होता है।
आइए ज्योतिष की नजर से देखते हैं और जानते हैं कि चेहरे पर या शरीर के किसी भी भाग पर तिल का क्या अर्थ है।
* सिर के दाहिने भाग में पाया जाने वाल तिल समाज में मान-प्रतिष्ठा दिलाने वाला होगा।
* मस्तक पर पाया जाने वाला तिल उस जातक की आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाता है।
* दोनों भौंहों के मध्य तिल हो तो ऐसा जातक परोपकारी, उदार और दीर्घजीवी होगा।
* कपोल पर तिल धनी व दुर्व्यसनी भी बनाता है।
* नाक के दाहिने भाग पर तिल सुखी, धन संपन्न और नाक के बाएं भाग पर तिल परिश्रमी, कठिनाई से सफलता का सूचक होता है।
* नाक के मध्य तिल हो तो ऐसा जातक स्थिर न रहकर इधर-उधर भटकता रहने वाला होता है।
* दाहिने गाल पर तिल उन्नतिशील और मेघावी होने की सूचना देता है।
* बाएं गाल पर तिल शुभ नहीं माना जाता है, ऐसा तिल गृहस्थ जीवन में धन का अभाव बताता है।
* ठोड़ी पर पाया जाने वाला तिल व्यक्ति को स्वार्थी, व्यक्तिवादी, स्वहित देखने वाला व समाज से कटा सा बनाता है।
* कंठ पर दिखाई पड़ने वाला तिल उस जातक को तेज दिमाग का, धनार्जन में सफल व स्वावलंबी बनाता है।
* दाएं हाथ पर तिल शुभ व बाएं हाथ की हथेली में तिल अति व्यय का सूचक होता है।
* यदि गुप्तांग के ऊपरी भाग पर तिल हो तो ऐसा जातक अति कामुक होता है एवं अनेक स्त्री या पुरुष का साथ पाता है। इस प्रकार तिल भी शुभ-अशुभता के संकेत देते हैं।