3 स्वर, 3 नाड़ियां... जीवन और सेह‍त दोनों को बनाते हैं शुभ, जानिए क्या है स्वरोदय विज्ञान

Webdunia
स्वरोदय विज्ञान क्या है?
 
आईने में क्या कभी आपने अपनी नाक को ध्यान से देखा है? अगर हां, तो बताइए हमारे जीवन में नाक की क्या उपयोगिता है? इस प्रश्न का उत्तर देने के बाद ही आगे पढ़ें। यदि आपका उत्तर भी यही है कि नाक हमारी प्रमुख ज्ञानेन्द्रिय है, इसके द्वारा हम गंध की पहचान एवं आवश्यक प्राणवायु ग्रहण करते हैं, तो आज तक आप एक महत्वपूर्ण एवं लाभदायक विज्ञान से अनभिज्ञ हैं।
 
इसके विपरीत यदि आपके उत्तर में स्वर-विज्ञान या स्वरोदय विज्ञान का भी उल्लेख है, तो निश्चित ही आप भाग्यवान हैं एवं ईश्वर के कृपापात्र हैं, क्योंकि स्वर विज्ञान को जानने वाला कभी भी विपरीत परिस्थितियों में नहीं फंसता और फंस भी जाए तो आसानी से विपरीत परिस्थितियों को अपने अनुकूल बनाकर बाहर निकल जाता है।
 
स्वर विज्ञान एक बहुत ही आसान विद्या है। इस विद्या को प्रसिद्ध स्वर साधक योगीराज यशपालजी ने 'विज्ञान' कहकर सुशोभित किया है। इनके अनुसार स्वरोदय, नाक के छिद्र से ग्रहण किया जाने वाला श्वास है, जो वायु के रूप में होता है। श्वास ही जीव का प्राण है और इसी श्वास को स्वर कहा जाता है।
 
स्वर के चलने की क्रिया को उदय होना मानकर स्वरोदय कहा गया है तथा विज्ञान, जिसमें कुछ विधियां बताई गई हों और विषय के रहस्य को समझने का प्रयास हो, उसे विज्ञान कहा जाता है। स्वरोदय विज्ञान एक आसान प्रणाली है, जिसे प्रत्येक श्वास लेने वाला जीव प्रयोग में ला सकता है।
 
स्वरोदय अपने आप में पूर्ण विज्ञान है। इसके ज्ञान मात्र से ही व्यक्ति अनेक लाभों से लाभान्वित होने लगता है। इसका लाभ प्राप्त करने के लिए आपको कोई कठिन गणित, साधना, यंत्र-जाप, उपवास या कठिन तपस्या की आवश्यकता नहीं होती है। आपको केवल श्वास की गति एवं दिशा की स्थिति ज्ञात करने का अभ्यास मात्र करना है।
 
यह विद्या इतनी सरल है कि अगर थोड़ी लगन एवं आस्था से इसका अध्ययन या अभ्यास किया जाए तो जीवनपर्यन्त इसके असंख्य लाभों से अभिभूत हुआ जा सकता है।
 
सूर्य, चंद्र और सुषुम्ना स्वर
 
सर्वप्रथम हाथों द्वारा नाक के छिद्रों से बाहर निकलती हुई श्वास को महसूस करने का प्रयत्न कीजिए। देखिए कि कौन से छिद्र से श्वास बाहर निकल रही है। स्वरोदय विज्ञान के अनुसार अगर श्वास दाहिने छिद्र से बाहर निकल रही है तो यह सूर्य स्वर होगा।
 
इसके विपरीत यदि श्वास बाएं छिद्र से निकल रही है तो यह चंद्र स्वर होगा एवं यदि जब दोनों छिद्रों से निःश्वास निकलता महसूस करें तो यह सुषुम्ना स्वर कहलाएगा। श्वास के बाहर निकलने की उपरोक्त तीनों क्रियाएं ही स्वरोदय विज्ञान का आधार हैं।
 
सूर्य स्वर पुरुष प्रधान है। इसका रंग काला है। यह शिव स्वरूप है, इसके विपरीत चंद्र स्वर स्त्री प्रधान है एवं इसका रंग गोरा है, यह शक्ति अर्थात्‌ पार्वती का रूप है। इड़ा नाड़ी शरीर के बाईं तरफ स्थित है तथा पिंगला नाड़ी दाहिनी तरफ अर्थात्‌ इड़ा नाड़ी में चंद्र स्वर स्थित रहता है और पिंगला नाड़ी में सूर्य स्वर। सुषुम्ना मध्य में स्थित है, अतः दोनों ओर से श्वास निकले वह सुषम्ना स्वर कहलाएगा।
 
स्वर को पहचानने की सरल विधियां 
 
(1) शांत भाव से मन एकाग्र करके बैठ जाएं। अपने दाएं हाथ को नाक छिद्रों के पास ले जाएं। तर्जनी अंगुली छिद्रों के नीचे रखकर श्वास बाहर फेंकिए। ऐसा करने पर आपको किसी एक छिद्र से श्वास का अधिक स्पर्श होगा। जिस तरफ के छिद्र से श्वास निकले, बस वही स्वर चल रहा है।
 
(2) एक छिद्र से अधिक एवं दूसरे छिद्र से कम वेग का श्वास निकलता प्रतीत हो तो यह सुषुम्ना के साथ मुख्य स्वर कहलाएगा।
 
(3) एक अन्य विधि के अनुसार आईने को नासाछिद्रों के नीचे रखें। जिस तरफ के छिद्र के नीचे कांच पर वाष्प के कण दिखाई दें, वही स्वर चालू समझें।
 
हमारे धर्मों में भी इस बात का उल्लेख मिलता है कि शुभ कार्यों को करने से पहले अपना स्वर देखना चाहिए तब ही सफलता मिलती है।
 
सेहत के लिए भी स्वर विज्ञान का विशेष महत्व है। वैद्य इससे व्यक्ति की शारीरिक व मानसिक अवस्था का आकलन करते हैं। 
 

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

Dev uthani ekadashi 2024: देव उठनी एकादशी पर इस बार जानिए पितृदोष से मुक्ति के 5 अचूक उपाय

Tulsi vivah 2024: तुलसी विवाह पूजा की विधि स्टेप बाय स्टेप में, 25 काम की बातें भी जानिए

शुक्र के धनु राशि में गोचर से 4 राशियों को होगा जबरदस्त फायदा

Tulsi vivah Muhurt: देव उठनी एकादशी पर तुलसी विवाह का शुभ मुहूर्त क्या है, जानें विधि और मंत्र

Kartik Purnima 2024: कार्तिक पूर्णिमा पर क्यों करते हैं दीपदान, जानिए इसके 12 फायदे

सभी देखें

नवीनतम

Akshay Amla Navami 2024: अक्षय नवमी कब है? जानें पौराणिक महत्व

Amla Navami 2024: कैसे की जाती है आंवला नवमी पर पूजा?

Shani margi 2024: शनि के कुंभ राशि में मार्गी होने से किसे होगा फायदा और किसे नुकसान?

Aaj Ka Rashifal: 08 नवंबर का दैनिक राशिफल, कैसा गुजरेगा आज आपका दिन, पढ़ें 12 राशियां

08 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

अगला लेख
More