सूर्य जब एक राशि से निकल कर दूसरी राशि में प्रवेश करता है तो इसे संक्रांति कहते हैं। सूर्य इस महीने 16 तारीख को कन्या राशि में प्रवेश कर रहा है। ज्योतिष में इस घटना को कन्या संक्रांति के नाम से जाना जाएगा। कन्या राशि में सूर्य का गोचर आश्विन माह में होने के कारण इसे आश्विन संक्रांति के नाम से जाना जाता है।
सूर्य और बुध ग्रह का होगा मिलन
ग्रहों के राजा सूर्य अब तक सिंह राशि में चल रहे थे। सूर्य 16 सितंबर को स्वराशि से निकलकर कन्या राशि में पहुंच रहे हैं जो सूर्य के मित्र बुध की राशि है। बुध यहां पहले से मौजूद है जिससे सूर्य और बुध का मिलन होगा और दोनों इस राशि में बुधादित्य योग का निर्माण करेंगे।
इन क्षेत्रों में शुभ-अशुभ प्रभाव
कन्या संक्रांति के कारण व्यवसायियों के लिए बहुत ही लाभप्रद हो सकता है। इन दिनों इन्हें उन्नति एवं लाभ के अच्छे अवसर प्राप्त होंगे। लेकिन लापरवाही एवं असावधानी से भी बचना होगा क्योंकि चोर एवं असामाजिक तत्व अधिक सक्रिय रहेंगे। इस माह राजनीतिक गलियारों में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच काफी गहमागहमी देखने को मिल सकती है।
शासन की ओर से अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने का प्रयास किया जा सकता है। अर्थव्यवस्था में सुधार की गति तेज होगी लेकिन जमीनी स्तर पर बढ़ती बेरोजगारी के कारण जनता में सरकार के प्रति आक्रोश बना रहेगा। किन्तु सूर्य की अनुकूल स्थिति के कारण जनता उग्र नहीं होगी और शांत रहकर सरकारी गतिविधियों को देखेगी।
कन्या राशि पर सूर्य का प्रभाव
कन्या राशि के जातकों का समाज में मान-सम्मान बढ़ेगा। जॉब में प्रमोशन मिल सकता है। इस अवधि में आपको शुभ समाचार मिलने की संभावना है। अन्य क्षेत्र में भी सुखद नतीजे मिलेंगे। नई जॉब की तलाश कर रहे जातकों को लाभ मिल सकता है। वैवाहिक जीवन के लिए सूर्य का आपकी राशि में आना बहुत ज्यादा अनुकूल नहीं है। जीवनसाथी से विवाद की स्थिति बन सकती है। इसलिए विशेष ध्यान रखें।
सूर्य देव का आशीर्वाद पाने के लिए करें ये उपाय
रविवार के दिन सूर्य को जल चढ़ाएं। कन्या संक्रांति के दिन दान दें। पिताजी की सेवा करें। बुराई और किसी गलत आचरण से बचें। ऐसा करने से आपको सूर्य देव का आशीर्वाद प्राप्त होगा। समाज में आपका मान-समान बढ़ेगा।