Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

16 जुलाई को कर्क संक्रांति, जानिए पुण्य काल,मुहूर्त और महत्व

हमें फॉलो करें 16 जुलाई को कर्क संक्रांति, जानिए पुण्य काल,मुहूर्त और महत्व
16 जुलाई को सूर्य मिथुन राशि से निकल कर्क राशि में आ रहे हैं। सूर्य का यह राशि परिवर्तन कर्क संक्रांति के नाम से जाना जाता है। इस दिन कामिका एकादशी भी है।
 
सावन के महीने में सूर्य का राशि परिवर्तन महत्वपूर्ण माना जाता है। इसे कर्क संक्रांति कहा जाता है। क्योंकि सूर्य इस दिन कर्क राशि में आएंगे। पंचांग के अनुसार कर्क संक्रांति को छह महीने के उत्तरायण काल का अंत माना जाता है। साथ ही इस दिन से दक्षिणायन की शुरुआत होती है, जो मकर संक्रांति तक चलती है। यह संक्रांति इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि सूर्य इस दिन से दक्षिणायन होंगे इसके बाद उत्तरायण प्रारंभ होता है।
 
16 जुलाई, कर्क संक्रांति का समय
कर्क संक्रांति का पुण्य काल:  प्रात: 05:34 से प्रात: 11:03 तक
अवधि - 05 घंटे 29 मिनट
कर्क संक्रांति महापुण्य काल: प्रात: 08:45 से 11:03 तक
अवधि - 02 घंटे 18 मिनट
कर्क संक्रांति का क्षण: प्रात: 11 बजकर 03 मिनट
 
कर्क संक्रांति के दिन भगवान शिव और भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए। इस दिन तुलसी के पत्र से भगवान विष्णु की पूजा करना श्रेष्ठ फलदायी माना गया है। इस दिन सूर्य देव को जल अर्पित करें और दान आदि के कार्य करें। ऐसा करने से जीवन में आने वाली कठिनाइयां दूर होती हैं और सुख समृद्धि में वृद्धि होती है।

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

sun transit in cancer 2020 : कर्क राशि में सूर्य, कैसी होगी यह कर्क संक्रांति आपके लिए