शुक्रवार का दिन बहुत महत्वपूर्ण होता है। प्रचलित मान्यताओं के अनुसार इस दिन माता लक्ष्मी, माता कालिका और संतोषी माता की पूजा की जाती है। खासकर इसे मां संतोषी का दिन माना जाता है। माता संतोषी भगवान गणेशजी की पुत्री हैं। आओ जानते हैं कि शुक्रवार का व्रत रखने से क्या लाभ मिलते हैं।
1. शरीर में गाल, ठुड्डी, अंगूठा, गुर्दा, यौनांग, अंतड़ियां, शीघ्रपतन, प्रमेह रोग और नसों से शुक्र का संबंध माना जाता है। यदि इस स्थानों में कोई समस्या है तो शुक्रवार का व्रत रखने से लाभ मिलते हैं।
2. यदि शनि मंदा अर्थात नीच का हो तब भी शुक्र का बुरा असर होता है। तब भी शुक्रवार का व्रत रखने से शनि दोष दूर हो जाते हैं।
3. यदि वैवाहिक जीवन कठिनाइयों भरा है तो भी शुक्रवार का व्रत रखने से लाभ मिलता है।
4. कुंडली में शुक्र के साथ राहु का होना अर्थात स्त्री तथा दौलत का असर खत्म। ऐसी स्थिति में भी शुक्रवार का व्रत जरूर रखना चाहिए।
5. मंगल और शुक्र की युति हो तब भी शुक्र और मंगल के उपाय के साथ ही शुक्रवार का व्रत रखना चाहिए।
6. शुक्र यदि कन्या राशि में, 6वें घर में या 8वें घर या भाव में है तो भी शुक्रवार का व्रत करना चाहिए।
7. कुंडली में शुक्र के साथ शुक्र के शत्रु ग्रह सूर्य व चंद्र है तो भी आपको शुक्रवार का व्रत करना चाहिए। शुक्र ग्रह की दो राशियां हैं वृषभ और तुला। यदि आपकी राशि ये हैं तो आपको शुक्रवार करना चाहिए।
8. शुक्रवार को खट्टा खाने से जहां सेहत को नुकसान होता है वहीं माना जाता है कि आकस्मिक घटना-दुर्घटना हो सकती है। इस दिन पिशाची या निशाचरों के कर्म से दूर रहें।
9. इस दिन साफ सफाई और शरीरिक शुद्धि का ध्यान रखने से ओज, तेजस्विता, शौर्य, सौन्दर्यवर्धक और शुक्रवर्धक होता है।
10. इस दिन आप पानी में उचित मात्रा में दही और फिटकरी मिलाकर स्नान करें और शरीर पर सुगंधित इत्र लगाएंगे तो शुक्र बलवान होगा और ऐश्वर्य की प्राप्ति होगी।
11. शुक्रवार के दिन जहां लक्ष्मी माता की पूजा करने से दरिद्रता और गरीबी से मुक्ति मिलती है और माता कालिका की पूजा करने से सभी तरह के संकटों से मुक्ति मिलती है। लक्ष्मी की उपासना करें, खीर पीएं और 5 कन्याओं को पिलाएं।
12. रोज रात को सोते समय अपने दांत फिटकरी से साफ करेंगे तो लाभ होगा। इसके अलावा आप कभी कभार फिटकरी के पानी से स्नान भी करें। इससे शुक्र के दोष दूर होकर धनलाभ होता है।
13. माता संतोषी का ध्यान कर यह व्रत 16 शुक्रवार रखा जाता है तो माता प्रसन्न होती है। 16 शुक्रवार को व्रत के समापन के समय उद्यापन करके कन्याओं को भोजन कराना चाहिए। इस दिन खट्टा नहीं खाना चाहिए और साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए।