लोगों में शनि की साढ़ेसाती का बहुत खौफ होता है। साढ़ेसाती यानी साढ़े सात वर्ष की कालावधि। शनि सभी द्वादश (12) राशि घूमने के लिए 30 साल का समय लेता है यानी एक राशि में शनि ढाई वर्ष रहता है। जब शनि जन्म राशि के 12वें (जन्म राशि में से द्वितीया में भ्रमण करता है) तब प्रस्तुत परिपूर्ण काल 'साढ़ेसाती' का माना जाता है।
शनि एक राशि में ढाई वर्ष होता है, इस प्रकार 3 राशियों में शनि के कुल निवास को साढ़ेसाती कहते हैं यानी ये साढ़े सात वर्ष काफी तकलीफ, आफत और मुसीबतों का समय होता है। किंवदंती के अनुसार वीर राजा विक्रमादित्य भी शनि की साढ़ेसाती के प्रभाव में आए थे और तभी उनका राजपाट सब छिन गया था।
शनि महामंत्र
जिस राशि में साढ़ेसाती लगती है, उस राशि के जातक को शनि महामंत्र के 23,000 मंत्रों को साढ़े सात वर्षों के भीतर करना अनिवार्य है। शनि महामंत्र के जाप 23 दिनों के अंदर पूरा करना चाहिए। इसके लिए जरूरी है कि जातक को शनि महामंत्र जाप एक ही बैठक में नित्य एक ही स्थान पर पूरा करना चाहिए।
महामंत्र
ॐ नीलांजन समाभासम्। रविपुत्रम् यमाग्रजम्।।
छाया मार्तंड सम्भूतम। तम् नमामि शनैश्चरम्।।