* सर्वार्थ सिद्धि योग में शनि जयंती, शनि कृपा चाहिए तो करें ये उपाय
इस वर्ष 15 मई 2018, मंगलवार को ज्येष्ठ कृष्ण अमावस्या के दिन वट सावित्री व्रत तथा शनि जयंती रहेगी। इस बार मंगलवार के दिन भरणी नक्षत्र, शोभन योग, चतुष्पाद करण तथा मेष राशि के चन्द्रमा की साक्षी में आने वाली अमावस्या को शनि जयंती भी है।
मंगलवार को सुबह 10.57 बजे से सर्वार्थ सिद्धि योग में शनि जयंती मनाई जाएगी तथा इसका प्रभाव पूरे दिन तक रहेगा। जो जातक शनि की महादशा, साढ़ेसाती, ढैया, अंतरदशा के प्रभाव में हैं, उन्हें शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए विशेष उपाय करना चाहिए। इस दिन शनिदेव के साथ हनुमानजी की आराधना भी श्रेष्ठ फल प्रदान करेगी।
करें ये उपाय
* पीपल वृक्ष की परिक्रमा करें। समय प्रात:काल मीठा दूध वृक्ष की जड़ में चढ़ाएं तथा तेल का दीपक पश्चिम की ओर बत्ती कर लगाएं तथा 'ॐ शं शनैश्चराय नम:' मंत्र पढ़ते हुए 1-1 दाना मीठी नुक्ती का प्रत्येक परिक्रमा पर 1 मंत्र तथा 1 दाना चढ़ाएं। पश्चात शनि देवता से कृपा प्राप्त करने के लिए प्रार्थना करें।
* 800 ग्राम तिल तथा 800 ग्राम सरसों का तेल दान करें। काले कपड़े, नीलम का दान करें।
* हनुमान चालीसा पढ़ते हुए प्रत्येक चौपाई पर 1 परिक्रमा करें।
* काले घोड़े की नाल अपने घर के दरवाजे के ऊपर स्थापित करें। मुंह ऊपर की ओर खुला रखें। दुकान या फैक्टरी के द्वार पर लगाएं तो खुला मुंह नीचे की ओर रखें। इन उपायों से आप अपने कष्ट दूर कर सकते हैं तथा शनि महाराज की कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
* काली गाय, जिस पर कोई दूसरा निशान न हो, का पूजन कर 8 बूंदी के लड्डू खिलाकर उसकी परिक्रमा करें तथा उसकी पूंछ से अपने सिर को 8 बार झाड़ दें।
* काला सूरमा सुनसान स्थान में हाथभर गड्ढा खोदकर गाड़ दें।
* काले कुत्ते को तेल लगाकर रोटी खिलाएं।
* काले घोड़े की नाल या नाव की कील का छल्ला बीच की अंगुली में धारण करें।
* बिच्छू, बूटी या शनि यंत्र धारण करें।
* पानी वाले 11 नारियल, काली-सफेद तिल्ली 400-400 ग्राम, 8 मुट्ठी कोयला, 8 मुट्ठी जौ, 8 मुट्ठी काले चने, 9 कीलें काले नए कपड़े में बांधकर संध्या के पहले शुद्ध जल वाली नदी में अपने पर से 1-1 कर उतारकर शनिदेव की प्रार्थना कर पूर्व की ओर मुंह रखते हुए बहा दें।
* कांसे के कटोरे को सरसों या तिल के तेल से भरकर उसमें अपना चेहरा देखकर दान करें।
ये उपाय शनिवार, मंगलवार, शनि जयंती, शनि अमावस्या के अवसर पर करने से कई गुना ज्यादा फल प्राप्त होते हैं।