हनुमानजी के बाद यदि शनि ग्रह के बुरे प्रभाव से कोई बचा सकता है तो वह है भगवान भैरव। आओ जानते हैं शनि भगवान को प्रसन्न करके उनकी कृपा प्राप्त करने के सरल उपाय।
1. शनि मंदिर में यदि बाहर कोई गरीब, अपंग या भीखारी हो तो उसे दान जरूर दें। नहीं दान दे सकते हो तो कम से कम उनका तिरस्कार ना करें। वहां सभी से अच्छा व्यवहार करें।
2. एकाक्षरी मंत्र : मंत्र - ऊँ शं शनैश्चाराय नमः। सामान्य पूजा के दौरान इसी मंत्र को जपना चाहिए।
3. अपने कर्म को रखें शुद्ध, ब्याज का धंधा न करें, पराई स्त्री के बारे में बुरा न सोचें और शराब न पिएं।
4. प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करें। नहीं तो शनिवार के दिन हनुमान मंदिर में पाठ करें।
5. शनि मंदिर में जाकर उन्हें तेल अर्पित करें और छाया दान करें। छाया दान करने का तेल अलग होना चाहिए।
6. शनिवार को पीपल के पेड़ में शाम को जल चढ़ाएं और तिल के तेल का दीपक जलाएं। ऐसा कम से कम 11 शनिवार करें। मान्यता अनुसार शनि देव के दुष्प्रभाव से बचने के लिए शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए। कहते हैं कि ऐसा करने से शनिदोष खत्म होता है।
7. अपने घर की वायव्य दिशा को साफ सुथरा रखें। वहां पर किसी भी प्रकार का वास्तु दोष नहीं होना चाहिए। जूते और मोजे उचित स्थान पर रखें और ध्यान रखें कि जूते और मोजे गंदे या फटे ना हों। कर्म और पेट हमेशा साफ रखें और हमेशा अपंग, गरीब और सफाईकर्मियों को भोजन कराते रहें। उपरोक्त के अलावा आप चाहें तो छाया दान, कौवे और कुत्ते को रोटी खिलाने का कार्य भी कर सकते हैं।