आषाढ़ मास के दूसरे शनिवार को बस एक काम ऐसा करें कि प्रसन्न हो जाएं शनि देव

Webdunia
पंचांग के अनुसार आषाढ़ मास का प्रारंभ हो चुका है। आषाढ़ मास को पूजा-पाठ की दृष्टि से पुण्य प्रदान करने वाला माह माना गया है। पंचांग के अनुसार यह दिन 03 जुलाई 2021, शनिवार के दिन है। इस दिन आषाढ़ कृष्ण नवमी तिथि है। इस दिन चंद्रमा मीन राशि में विराजमान रहेगा तथा रेवती नक्षत्र रहेगा। 
 
सभी व्यक्ति चाहते हैं कि शनि देव की कृपा दृष्टि उन पर बनी रहे लेकिन रोजमर्रा के जीवन में हम जो भी गलतियां करते हैं उनसे शनिदेव नाराज हो जाते हैं। पूजा पाठ और मंत्र से ज्यादा जरूरी है अपनी जीवनशैली में कुछ अच्छी बातें अपनाएं ताकि शनिदेव आप पर प्रसन्न रहे। धर्म और ज्योतिष के अनुसार शनि देव को प्रसन्न रखना अति आवश्यक माना जाता है। शनिदेव को सभी ग्रहों का न्यायाधीश माना गया है। वे न्याय करने वाले देवता है। माना जाता है कि शनिदेव जिस पर भी अपनी दृष्टि डाल देते हैं, उसके जीवन में उथल-पुथल शुरू हो जाती है। शनि महाराज अच्छे कर्म करने वालों को अच्छे फल, जबकि बुरे कर्म करने वालों को दंडित करते हैं। अत: आषाढ़ मास के दूसरे शनिवार के दिन यह उपाय करने से शनि आप पर प्रसन्न हो जाएंगे।  
 
शनि ग्रह न्याय करने वाले हैं। जन्मपत्री में शनि की प्रतिकूल स्थितियां होने पर शनि महाराज अपनी दशा, अन्तर्दशा, महादशा, साढ़ेसाती और ढैय्या में सताते हैं। वर्ष 2021 में शनि मकर राशि में गोचर कर रहे हैं। इस समय शनि वक्री हैं। इस बार शनिदेव कोई राशि परिवर्तन नहीं कर रहे हैं। शनिदेव एक राशि में लगभग ढाई वर्ष तक रहते हैं। साढ़ेसाती और शनि की ढैय्या को विशेष माना गया है। 
 
करें ये उपाय- शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा करते समय सरसों का तेल अर्पित करें तथा शनि मंत्र तथा शनि चालीसा का पाठ करके शनिदेव को प्रसन्न करें। अगर संभव हो तो  काला छाता का अवश्य दान करें। 
 
ALSO READ: शनि मंदिर जा रहे हैं तो यह 7 सावधानी रखें, वर्ना पछताएंगे

ALSO READ: शनि ग्रह का पेड़ है आपके घर के पास तो जानिए 7 काम की बातें

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

इस मंदिर में है रहस्यमयी शिवलिंग, दिन में तीन बार बदलता है रंग, वैज्ञानिक भी नहीं जान पाए हैं रहस्य

महाशिवरात्रि पर शिवलिंग पर भूलकर भी ना चढ़ाएं ये चीजें, रह जाएंगे भोलेनाथ की कृपा से वंचित

सूर्य की शत्रु ग्रह शनि से युति के चलते 4 राशियों को मिलेगा फायदा

असम में मौजूद है नॉर्थ ईस्ट का सबसे ऊंचा शिव मंदिर, महाशिवरात्रि पर उमड़ता है श्रद्धालुओं का सैलाब

Mahashivaratri 2025: महाशिवरात्रि पर शिवलिंग की पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजन विधि, आरती और कथा सभी एक साथ

सभी देखें

नवीनतम

18 फरवरी 2025 : आपका जन्मदिन

18 फरवरी 2025, मंगलवार के शुभ मुहूर्त

महाशिवरात्रि पर रात्रि के 4 प्रहर की पूजा का सही समय और पूजन विधि

Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि और शिवरात्रि में क्या है अंतर?

जानकी जयंती 2025: माता सीता का जन्म कब और कैसे हुआ था?

अगला लेख
More