Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia
Advertiesment

वर्ष 2024 में किन राशियों पर रहेगी शनि की साढ़ेसाती और ढ़ैय्या

हमें फॉलो करें वर्ष 2024 में किन राशियों पर रहेगी शनि की साढ़ेसाती और ढ़ैय्या
webdunia

पं. हेमन्त रिछारिया

Shani Dasha 2024: शनि ग्रह का नवग्रहों में महत्वपूर्ण स्थान है। ज्योतिष शास्त्र के फलित में शनि की महती भूमिका होती है। शनि को शास्त्रानुसार सूर्यपुत्र एवं दण्डाधिकारी माना गया है। शनि न्यायाधिपति भी हैं, जो जीव को अपने कर्मानुसार कर्मफल या कर्मदण्ड देने जीवन में शनि दशा के रूप में आते हैं। इन दशाओं को शनि की साढ़ेसाती व ढैय्या के नाम से जाना जाता है। 
 
शनि मंद गति से चलने वाले ग्रह है, उनकी इस धीगी गति के कारण उनका एक नाम शनैश्चर भी है। शनि एक राशि में सर्वाधिक ढाई वर्षों तक रहते हैं। शनि का नाम सुनते ही जनमानस के मन-मस्तिष्क में एक भय व्याप्त होने लगता है। जब भी शनि का राशि परिवर्तन होता है, लोग यह जानने को उत्सुक होते हैं कि उनके लिए यह राशि परिवर्तन क्या फल देने वाला है। 
 
आइए जानते हैं कि वर्ष 2024 में वर्षपर्यंत किन-किन राशियों पर शनि की साढ़ैसाती और ढैय्या रहेगी।
 
इन राशि वाले जातकों पर रहेगी साढ़ेसाती व ढैय्या-
 
शनि के मकर राशि में प्रवेश के साथ ही निम्न राशि वाले जातकों पर शनि की साढ़ेसाती व ढैय्या का प्रभाव रहेगा।
 
1. साढ़ेसाती (दीर्घकल्याणी)- मकर (अंतिम चरण), कुंभ (द्वितीय चरण), मीन (प्रथम चरण) राशि।
2. ढैय्या (लघुकल्याणी)- कर्क व वृश्चिक राशि।
 
शनि के अशुभ प्रभाव को कम करने हेतु आवश्यक उपाय-
 
1. प्रत्येक शनिवार शनि का दान करें।
(दान सामग्री: काला वस्त्र, उड़द, काले तिल, सुगंधित तेल, लोहा, छाता, कंबल, चमड़ा, नीलम आदि)
 
2. प्रत्येक शनिवार छाया दान करें।
(छाया दान- प्रात:काल लोहे की कटोरी तेल भरकर उसमें अपना मुख देखकर उस तेल को कटोरी सहित दान करें।)
 
3. सात शनिवार 7 बादाम मंदिर में चढ़ाएं।
 
4. शनिवार को भंडारे में कोयला दान करें।
 
5. शनिवार को सवा किलो काले चने, सवा किलो उड़द, काली मिर्च व सरसों का तेल दान करें।
 
6. शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक प्रज्वलित करें।
 
7. प्रतिदिन चींटियों को आटा व शकर का बूरा डालें।
 
8. अधीनस्थों से प्रेमपूर्व व्यवहार करें।
 
9. काले व नीले वस्त्रों को धारण ना करें।
 
10. शनिवार को भूमि में सुरमा दबाएं।
 
11. नित्य महामृत्युंजय मंत्र एवं दशरथकृत शनि स्तोत्र का पाठ करें।
 
-ज्योतिर्विद् पं. हेमन्त रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केन्द्र
 

Share this Story:

Follow Webdunia Hindi

अगला लेख

Aaj Ka Rashifal: 22 जनवरी का दिन है बहुत खास, बनेंगे कई शुभ योग, जानें 12 राशियों पर असर