पौष मास की कृष्ण पक्ष की सफला एकादशी अपने नाम की तरह ही हर कार्य को सफल बनाने वाली मानी गई है। इस एकादशी का महत्व एवं इस दिन कौन से देवता का किया जाता है पूजन और उसकी क्या विधि है जानिए यहां-
किसका करें पूजन- इस एकादशी का नाम सफला एकादशी है। इस एकादशी के देवता श्री नारायण हैं। हर भक्त को विधिपूर्वक इस व्रत को करना चाहिए। जिस प्रकार नागों में शेषनाग, पक्षियों में गरूड़, सब ग्रहों में चंद्रमा, यज्ञों में अश्वमेध और देवताओं में भगवान विष्णु श्रेष्ठ हैं, उसी तरह सब व्रतों में एकादशी का व्रत श्रेष्ठ है। जो मनुष्य सदैव एकादशी का व्रत करते हैं, वे श्रीहरि को परम प्रिय हैं। इस व्रत की विधि इस प्रकार है-
विधि-
1. हिन्दू पंचांग के अनुसार, एकादशी व्रत के लिए दशमी के दिन सिर्फ दिन के वक्त सात्विक आहार करना चाहिए।
2. संध्याकाल में दातुन करके पवित्र होना चाहिए।
3. रात्रि के समय भोजन नहीं करना चाहिए।
4. भगवान के स्वरूप का स्मरण करते हुए सोना चाहिए।
5. एकादशी के दिन सुबह स्नान करके संकल्प करना चाहिए और व्रत रखना चाहिए।
6. श्री विष्णु पूजन के लिए ऋतु के अनुकूल फल, नारियल, नींबू, नैवेद्य आदि 16 वस्तुओं का संग्रह करें। इस सामग्री से श्री विष्णु की पूजा करें।
7. दिन में भगवान विष्णु की पूजा करनी चाहिए।
7. पूजा में धूप, दीप एवं नाना प्रकार की सामग्रियों से विष्णु को प्रसन्न करना चाहिए।
8. कलुषित विचार को त्याग कर सात्विक भाव धारण करना चाहिए।
9. रात्रि के समय श्रीहरि के नाम से दीपदान करना चाहिए और आरती एवं भजन गाते हुए जागरण करें।
10. इस एकादशी को अत्यंत भक्ति और श्रद्धापूर्वक करना चाहिए। इस एकादशी के व्रत के समान यज्ञ, तीर्थ, दान, तप तथा और कोई दूसरा व्रत नहीं है। 5,000 वर्ष तप करने से जो फल मिलता है, उससे भी अधिक सफला एकादशी का व्रत करने से मिलता है।
पूजन के शुभ मुहूर्त-
सफला एकादशी की तिथि- शनिवार, 9 जनवरी 2021 है। एकादशी तिथि प्रारंभ 08 जनवरी, 2021 को रात्रि 9:40 मिनट से शुरू हो रहा है तथा 09 जनवरी, 2021 को शाम 7:17 मिनट पर एकादशी तिथि समाप्त होगी।