महाशिवरात्रि: रुद्राक्ष के 1 छोटे से उपाय से दूर कर सकते हैं कुंडली के 7 दोष

पं. हेमन्त रिछारिया
Rudraksh 
 
महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर भूतभावन भगवान महादेव का अभिषेक कर पुण्य लाभ अर्जित किया जाता है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आप एक छोटे से उपाय से अपनी जन्मपत्रिका में बने गंभीर दोषों के दुष्प्रभावों कम कर सकते हैं! यदि नहीं तो आज हम 'वेबदुनिया' के पाठकों को यह अत्यंत लाभकारी जानकारी देंगे।
 
रुद्राक्ष धारण से दोष निवारण- रुद्राक्ष को हमारे शास्त्रों ने अत्यंत पवित्र माना है। किंवदती है कि रुद्राक्ष भगवान शिव की आंख का अश्रु है। रुद्राक्ष एक से लेकर चौदह मुखी तक पाए जाते हैं। एक मुखी रुद्राक्ष अत्यंत दुर्लभ होने के साथ-साथ साक्षात भगवान शिव का प्रत्यक्ष रूप माना जाता है।

अत: उचित रुद्राक्ष धारण कर जन्मपत्रिका में बने अशुभ योगों के दुष्प्रभाव में कम कर लाभ प्राप्त किया जा सकता है। आइए जानते हैं कि जन्मपत्रिका के किस दोष के लिए कौन सा रुद्राक्ष धारण किया जाना श्रेयस्कर रहेगा-
 
रुद्राक्ष : जानिए, किस शुभ फल के लिए किस मंत्र के साथ पहनें- 
 
1. मांगलिक योग- मांगलिक योग की शांति के लिए 11 मुखी रुद्राक्ष धारण करना लाभप्रद रहता है।
 
2. ग्रहण योग- ग्रहण योग की शांति के लिए 2 एवं 8 मुखी रुद्राक्ष का लॉकेट धारण करना लाभप्रद रहता है।
 
3. केमद्रुम योग- केमद्रुम योग की शांति के लिए 13 मुखी रुद्राक्ष चांदी में धारण करना लाभप्रद रहता है।
 
4. शकट योग- शकट योग की शांति के लिए 10 मुखी रुद्राक्ष धारण करना लाभप्रद रहता है।
 
5. कालसर्प दोष- कालसर्प दोष की शांति के लिए 8 व 9 मुखी रुद्राक्ष का लॉकेट धारण करना लाभप्रद रहता है।
 
6. अंगारक योग- अंगारक योग की शांति के लिए 3 मुखी रुद्राक्ष धारण करना लाभप्रद रहता है।
 
7. चांडाल दोष- चांडाल दोष की शांति के लिए 5 व 10 मुखी रुद्राक्ष का लॉकेट धारण करना लाभप्रद रहता है।
 
(विशेष- उपर्युक्त उपाय से समुचित लाभ के लिए रुद्राक्ष का असली व शुद्ध होना अनिवार्य है।)
 
-ज्योतिर्विद् पं. हेमंत रिछारिया
प्रारब्ध ज्योतिष परामर्श केंद्र
संपर्क : astropoint_hbd@yahoo.com
Rudraksh

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

तुलसी विवाह देव उठनी एकादशी के दिन या कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन करते हैं?

Akshay Amla Navami 2024: अक्षय नवमी कब है? जानें पौराणिक महत्व

Tulsi vivah 2024: देवउठनी एकादशी पर तुलसी के साथ शालिग्राम का विवाह क्यों करते हैं?

Dev uthani ekadashi 2024: देव उठनी एकादशी की 3 पौराणिक कथाएं

Tulsi vivah 2024: तुलसी विवाह पूजा की विधि स्टेप बाय स्टेप में, 25 काम की बातें भी जानिए

सभी देखें

नवीनतम

Saptahik Muhurat 2024: नए सप्ताह के सर्वश्रेष्ठ शुभ मुहूर्त, जानें साप्ताहिक पंचांग 11 से 17 नवंबर

Aaj Ka Rashifal: किन राशियों के लिए उत्साहवर्धक रहेगा आज का दिन, पढ़ें 10 नवंबर का राशिफल

10 नवंबर 2024 : आपका जन्मदिन

10 नवंबर 2024, रविवार के शुभ मुहूर्त

Dev uthani gyaras 2024 date: देवउठनी देवोत्थान एकादशी व्रत और पूजा विधि

अगला लेख
More