हल्दी के औषधीय महत्व तो जानते हैं अब जानिए 11 धार्मिक महत्व

Webdunia
हम सबकी रसोई में सभी मसाले औषधीय महत्व रखते हैं उनमें से भी हल्दी का एक अलग स्थान है वह जितनी सेहत के लिए लाभप्रद है उतना ही धार्मिक कार्यों में भी उसका महत्व है। यहां हम हल्दी के धार्मिक महत्व पर चर्चा करेंगे। 
 
हल्दी विशेष प्रकार की औषधि है, जिसमें दैवीय गुण मौजूद होते हैं। विवाह में वर-वधु को हल्दी चढ़ाने के पीछे भी यही महत्व है कि उन्हें बाहरी बाधाओं से बचाया जाए साथ ही सेहत और सुंदरता के लाभ भी उन्हें मिले। 
 
वास्तव में हल्दी का संबंध बृहस्पति ग्रह से है। 
 
1. पूजा के समय कलाई में या गर्दन पर हल्दी का छोटा सा टीका लगाने पर बृहस्पति मजबूत होता है और वाणी में मजबूती आती है।
 
2.  हल्दी का दान करना शुभ माना जाता है। इससे कई स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों का अंत होता है। गुरु ग्रह में अनुकूलता आती है। 
 
3. पूजा के बाद माथे पर हल्दी का तिलक लगाने से विवाह संबंधी कार्यों में सफलता मिलती है।

4. घर की बाउंड्री की दीवार पर अगर हल्दी की रेखा बना दी जाए तो घर में नकारात्मक शक्तियों का प्रवेश नहीं होता।
 
5. नहाते समय अगर नहाने के पानी में चुटकी भर हल्दी डालकर नहाया जाए तो यह शारीरिक और मानसिक शुद्धता देती है। करियर में सफलता के लिए भी यह प्रयोग अचूक है। 
 
6. हल्दी की गांठ पर मौली लपेट कर सिरहाने रखा जाए तो बुरे सपने नहीं आते। बाहरी हवा से भी बचाव होता है। 
 
7. प्रति गुरुवार श्री गणेश को मात्र एक चुटकी हल्दी चढ़ाई जाए तो विवाह संबंधी रुकावटें दूर होती हैं। 
 
8. भगवान विष्णु और लक्ष्मी की प्रतिमा के पीछे हल्दी की पुड़िया छुपा कर रखने से अति शीघ्र विवाह के योग बनते हैं। 
 
9. हल्दी के प्रयोग से जीवन में संपन्नता आती है। यह मानस की नकारात्मकता दूर करती है। इसीलिए इसे हवन में भी इस्तेमाल किया जाता है। 
 
10. सूर्य को हल्दी मिला जल चढ़ाने से कन्या की शादी मनचाहे वर से होती है। 
 
11. हल्दी की माला से कोई भी मंत्र जप किया जाए तो विलक्षण बुद्धि के स्वामी हो सकते हैं। 

ALSO READ: ठंड में हल्दी वाला दूध लीजिए, हर संक्रमण को दूर कीजिए

ALSO READ: रोजाना हल्दी खाने से तरोताजा हो सकता है आपका मूड

सम्बंधित जानकारी

Show comments

ज़रूर पढ़ें

बुध का मेष राशि में गोचर, 4 राशियों के रहेगा शुभ

मई 2025 का मासिक राशिफल: हर राशि के लिए विशेष भविष्यवाणियां

कब है वृषभ संक्रांति, क्या है इसका महत्व

चार धाम के लिए बिना रजिस्ट्रेशन जाने से तीर्थ यात्रियों को होंगी ये दिक्कतें, जानें पंजीकरण की पूरी प्रक्रिया

भारत के संबंध में बाबा वेंगा, नास्त्रेदमस और अच्युतानंद ने पहले ही बता दी थीं ये बातें

सभी देखें

नवीनतम

Saptahik Rashifal 2025: मई माह के नए सप्ताह में किस राशि के चमकेंगे सितारे, जानें साप्ताहिक राशिफल 05 से 11 May तक

Aaj Ka Rashifal: 04 मई 2025, क्या कहती है आज आपकी राशि, पढ़ें 12 राशियों का भविष्यफल

04 मई 2025 : आपका जन्मदिन

04 मई 2025, रविवार के शुभ मुहूर्त

भृगु ऋषि ने पहले ही कर दी थी ये भविष्यवाणी, ग्रहों के एक ही सीध में आने से क्या होगा?

अगला लेख
More