Bhadra Kaal : इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा का साया है, ऐसे में राखी बांधें या नहीं? यह शंका सभी में है। यदि बांध ली तो क्या होगा? यदि नहीं बांधें तो फिर कब बांधे? लेकिन सभी का मत जानकर हम आपसे कहना चाहते हैं कि भद्राकाल से डरने की जरूरत नहीं है। आप 11 अगस्त 2022 को किसी भी शुभ मुहूर्त या चौघड़िया में राखी बांधें। जानिए विस्तार से।
भद्रा का वास है पाताल लोक में : पंचांग का एक अंग करण है। 11 करणों में 7वें करण विष्टि का नाम ही भद्रा है। अलग-अलग राशियों के अनुसार भद्रा तीनों लोकों में घूमती रहती है। भद्रा का निवास मृत्युलोक में है तो मांगलिक कार्य नहीं करते हैं, लेकिन स्वर्ग या पाताल लोक में है तो मांगलिक कार्य कर सकते हैं। 11 अगस्त को भद्रा का पाताल लोक में निवास है तो उसका असर धरती पर नहीं रहेगा।
यदि आपके मन में भद्रा को लेकर शंका है जो इसे मिटा दीजिये क्योंकि 11 अगस्त को भद्रा का वास पाताल लोक में रहेगा इसलिए भद्रा का असर धरती पर नहीं होगा। यह बात उसी तरह जिस तरह की भारत में नहीं दिखाई देने वाले सूर्य ग्रहण या चंद्र ग्रहण का सूतक काल मान्य नहीं होता उसी प्रकार जब भद्रा मकरस्थ होकर पाताल लोक में निवास कर रही है तो इसकी शंका न रखें।
पूर्णिमा तिथि : रक्षाबंधन का त्योहार श्रावण पूर्णिमा को श्रवण नक्षत्र में मनाया जाता है। 11 अगस्त को यह तिथि और नक्षत्र है। इसी तिथि और नक्षत्र में ही राखी बांधी जाती है। पूर्णिमा तिथि 11/08/2022 को सुबह 10:38 से प्रारंभ और 12 अगस्त को सुबह 7 बजकर 5 मिनट पर समाप्त होगी।
पूरे दिन है शुभ समय : अत: 11 अगस्त को दोपहर 03:31 तक आयुष्मान योग के बाद सौभाग्य योग रहेगा। दोनों योग में राखी बांध सकते हैं।
रक्षा बंधन शुभ योग संयोग- Raksha Bandhan Shubh:
1. रवि योग : रवि योग सुबह 05:30 से 06:53 तक रहेगा।
2. आयुष्मान योग : 10 अगस्त 07:35 से 11 अगस्त दोपहर 03:31 तक।
3. सौभाग्य योग : 11 अगस्त को दोपहर 03:32 से 12 अगस्त सुबह 11:33 तक।
रक्षा बंधन के शुभ मुहूर्त- Raksha Bandhan Shubh Muhurta 2022:
अभिजीत मुहूर्त : सुबह 11:37 से 12:29।
विजय मुहूर्त : दोपहर 02:14 से 03:07 तक।
गोधूलि मुहूर्त : शाम 06:23 से 06:47 तक।
सायाह्न संध्या मुहूर्त : शाम 06:36 से 07:42 तक।
अमृत काल मुहूर्त : शाम 06:55 से 08:20 तक।